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हिंदू धर्म में देवी-देवता की पूजा करते समय सिंदूर, फूल, माला, नैवेद्य, फल, अक्षत, चंदन से लेकर अगरबत्ती, धूप बत्ती जलाते हैं। हर एक चीज का अपना अलग-अलग महत्व है। कुछ पूजा सामग्री देवी-देवता से समर्पित होते हैं। लेकिन एक चीज है जो सभी देवी-देवता के समक्ष इस्तेमाल की जाती है। वह है अगरबत्ती। आमतौर पर अगरबत्ती का इस्तेमाल अधिकतर घरों में किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगरबत्ती को सप्ताह के हर एक दिन नहीं जलाना चाहिए। जानिए वास्तु
नई दिल्ली। आज बसंत पंचमी का त्योहार देशभर में पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस त्योहार में मां सरस्वती की पूजा की जाती है। लोग माता को प्रसन्न करने के लिए पीले फल-फूल, वस्त्र आदि अर्पित करते हैं। मां सरस्वती को ज्ञान की देवी माना जाता है। मान्यता है कि पीले रंग की चीजों का भोग लगाने पर मां सरस्वती जल्दी प्रसन्न होती हैं। तो चलिए आपको बताते हैं, बसंत पंचमी के मुख्य भोग के बारे में, इस खास मौके पर आप पीली खिचड़ी बना सकते हैं । आइए जानते
सनातन धर्म में भगवान गणेश को सबसे पहले पूजा जाता है और हर माह में बुधवार और चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश के विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इन दिनों गणेश पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। फिलहाल माघ महीना चल चल रहा है और माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जयंती का पर्व मनाया जाता है और इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। यदि आप भी गणेश चतुर्थी व्रत करते हैं तो इन दिन चंद्रदेव की दर्शन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। शास्त्रों में गणेश
इतना सुंदर कथा का चित्रण किया गया है, लगता है सारे दृश्य आँखो के सामने ही चल रहा है। पुराणों में इस कथा का उल्लेख है कि अश्वमेघ यज्ञ के पूर्ण होने के पश्चात श्री राम ने एक बड़ी सभा का आयोजन किया। सभी राजाओं को उसमें आमंत्रित किया गया।
सभा में आए नारद जी के भड़काने पर एक राजा ने भरी सभा में ऋषि विश्वामित्र को छोड़कर सभी को प्रणाम किया।
हर साल में चार नवरात्रि होती हैं, जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और दो प्रकट नवरात्रि होती हैं। माघ महीने में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त साधना और विद्याओं की सिद्धि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। माघ महीने के नौ दिन देवी मां को समर्पित हैं और 22 जनवरी 2023, रविवार से गुप्त नवरात्रि शुरू हो चुकी है।