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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में हैं और काशी के कोतवाल काल भैरव के दर्श करेंगे। इस मंदिर को लेकर कई दिलचस्प मान्यताएं हैं। माना जाता है कि भगवान विश्वनाथ बनारस के राजा हैं और काल भैरव इन प्राचीन नगरी के कोतवाल। यही कारण है कि इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि काशी विश्वनाथ के बाद यदि कोई काल भैरव का दर्शन नहीं करता है तो उसकी पूजा अधूरी रहती है। बताया जा रहा है, शायद यही कारण है कि मोदी ने इस बार काल
हर इंसान की जिंदगी में सबसे खास शख्स यदि कोई होती है, तो उसकी मां होती है। मां की कमी को किसी भी सूरत में पूरा नहीं किया जा सकता है। दुनिया में सिर्फ मां ही होती है, जिससे हम अधिकारपूर्वक किसी चीज की मांग कर सकते है, लेकिन कई बार हम मां के प्रति अपनी भावनाएं या कर्त्तव्य व्यक्त नहीं कर पाते हैं। ऐसे में इसके लिए सबसे अच्छा दिन Mothers Day ही होता है। 12 मई 2024 को आप Mothers Day पर इन संदेशों के साथ अपनी भावनाएं शेयर कर सकते हैं।
मां की
एकादशी तिथि सबसे शुभ दिनों में से एक मानी जाती है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए उत्तम माना गया है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी की तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष मोहिनी एकादशी 19 मई 2024 को मनाई जाएगी। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही घर में बरकत भी बनी रहती है।
तुलसी से जुड़ा उपाय
मोहिनी एकादशी के दिन तुलसी के सामने देसी घी का दीपक जलाना चाहिए।
सनातन धर्म में परशुराम जयंती को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह शुभ दिन भगवान परशुराम के जन्म का प्रतीक है, साथ ही इस दिन अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है। भगवान परशुराम को श्रीहरि का छठा अवतार माना जाता है। परशुराम जयंती वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस बार परशुराम जयंती 10 मई 2024 को मनाई जा रही है।
तृतीया तिथि शुक्रवार, 10 मई 2024 को सुबह 4:17 बजे शुरू होगी। यह तिथि शुक्रवार, 11 मई 2024 को दोपहर 2 बजकर 50 मिनट
प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। प्रदोष व्रत महीने में दो बार आता है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। इस बार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 मई को पड़ रही है। इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस तिथि पर भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी पूजा करने की परंपरा है। इस दिन भगवान के निमित्त व्रत भी रखा जाता है। आइए, जानते हैं प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष