स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा

नई दिल्ली। हाल के नए स्टडीज से पता चला है कि गांजा के रोजाना उपयोग से हार्ट फेलियर, स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। American Heart Association के साइंटिफिक सेशन 2023 में मौजूदा दो स्टडीज के अनुसार, टाइप 2 डायबिटिज, हाई ब्लड प्रेशऱ और मोटापे जैसे अन्य हार्ट फेलियर जोखिम फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए भी, मारिजुआना(गांजा) जोखिम को बढ़ा सकता है।

मारिजुआना, जिसे मेडिकल भाषा में कैनाबिस(Cannabis) के नाम से जाना जाता है और इसका उपयोग पूरे यूएसए(USA) में बढ़ रहा है। हार्ट और दिमाग की सेहत पर इसके असर के बारे में सवाल बने हुए हैं। दो अलग-अलग रिसर्च ग्रुप ने रेगुलर मारिजुआना प्रयोग और हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम पर हाईलाइट किया है। पहली स्टडी में National Institute of Health द्वारा कार्यक्रम ऑल ऑफ अस रिसर्च (All Of Us Research) प्रोग्राम में भाग लेने वाले 150,000 से ज्यादा एडल्ट शामिल थे।

रिसर्चर ने रेगुलर गांजा के उपयोग और हार्ट फेलियर के बीच संबंध की जांच की, जिसमें पाया गया कि जो लोग डेली गांजा का यूज करते हैं, उनमें उन लोगों की तुलना में हार्ट फेलियर का खतरा 34% बढ़ जाता है, जिन्होंने कभी गांजा का उपयोग नहीं किया। यह खतरा उम्र, लिंग और धूम्रपान के इतिहास में लगातार बन रहा है।

एक सेकेंडरी एनालिसिस में पाया गया कि जब कोरोनरी आर्टरी डिजीज को शामिल किया गया, तो हार्ट फेलियर का खतरा 34% से घटकर 27% हो गया। कोरोनरी आर्टरी डिजीज एक ऐसा जरिया हो सकता है जिसके माध्यम से रोज गांजा का उपयोग करने से हार्ट फेलियर का कारण बनता है। दूसरी स्टडी में 2019 National Inpatient Sample के डेटा का उपयोग करते हुए, दिल से जुड़े जोखिम वाले फैक्टर वाले बुजुर्गों पर फोकस था, जिन्होंने तंबाकू का इस्तेमाल नहीं करने की सूचना दी थी।

इन जोखिम कारकों वाले कैनबिस यूजर्स में गैर-यूजर्स की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने पर हार्ट या ब्रेन की बड़ी घटना का अनुभव होने की चांस 20% बढ़ गया थी। कैनबिस यूजर्स में दिल के दौरे की दर भी ज्यादा थी और अन्य सुविधाओं में एक से दूसरे में होने की संभावना ज्यादा थी।

ये गांजा के उपयोग से जुड़े कार्डियक के जोखिमों को समझने के महत्व पर जोर देते हैं। रिसर्चरों का सुझाव है कि सेहत की देखभाल पेशेवर मरीजों के मेडिकल हिस्ट्री का आकलन करते समय गांजा के इस्तेमाल के बारे में प्रश्न शामिल करें। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि इन स्टडीज में उपयोग किए गए डेटा की सीमाएं हो सकती हैं और कार्डियोवैस्क्युलर सिस्टम पर गांजा के उपयोग के लॉन्ग टर्म प्रभावों को पूरी तरह से समझने के लिए ज्यादा रिसर्च की जरूरत है।
गांजा के उपयोग से कार्डियोवैस्क्युलर के जोखिम साफ होते जा रहे हैं। स्टडी American Heart Association के scientific session 2023 में प्रस्तुत किए जाएंगे, जो कार्डियोलॉजी में लेटेस्ट साइंटिस्ट प्रोग्रेस को साझा करने के लिए एक मंच है।

Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। kwns की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।