+33
°
C
High:+35
Low:+21
Fri
Sat
Sun
Mon
Tue
करवा चौथ व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इसके अलावा यह व्रत कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं। इस बार करवा चौथ का त्योहार बेहद ही शुभ संयोग में मनाया जाने वाला है। पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस बार चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर 2023, मंगलवार रात 9.30 मिनट पर शुरू
एक वर्ष में दो बार छह माह की अवधि के अंतराल पर नवरात्रि आती हैं। मां दुर्गा को समर्पित यह पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक वर्ष आश्विन मास में शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि का आरंभ होता है। पूरे नौ दिनों तक मां आदिशक्ति जगदम्बा का पूजन किया जाता है। ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का आरंभ रविवार 15 अक्टूबर 2023 से हो रहा है।
2023 में शारदीय नवरात्रि कब शुरू
हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। पौराणिक मान्यता है कि हर माह पूर्णिमा तिथि पर व्रत रखने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है। वहीं सभी पूर्णिमा व्रत में भी शरद पूर्णिमा तिथि को सर्वोत्तम माना गया है और इस दिन देवी लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को मनाई जाएगी और इस दिन रात में चंद्र ग्रहण लगने के कारण इस तिथि का महत्व बढ़ गया है।
चंद्रमा
हिंदू धर्म में कई संप्रदाय हैं और हर श्रद्धालु अपनी-अपनी आस्था के अनुसार देवी या देवताओं की आराधना करते हैं, लेकिन भगवान शिव की आराधना देशभर में समान रूप में की जाती है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव सबसे अधिक दयालु होते हैं और पूरी आस्था के साथ उनकी आराधना की जाए तो वे जल्द सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। यही कारण है कि कई लोग घर में स्थित पूजा घर में भी शिवलिंग स्थापित करते हैं। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, घर के पूजा घर में शिवलिंग
हमारे देश में लाखों मंदिर हैं जहां भक्त दर्शन कर भगवान से अपनी कामनाएं पूरी होने की प्रार्थन का करते हैं। लेकिन कई मंदिरों को श्रापित भी माना जाता है। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे श्रापित माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में अगर किसी महिला ने भगवान के दर्शन कर लिए तो वह विधवा हो जाती है। ये मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में लड़ा गया। जहां भगवान कृष्ण ने गीता के उपदेश दिए