हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि पर यदि विधि-विधान से पूजा करने पर जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की अमावस्या तिथि 08 अप्रैल को है और इसे सोमवती अमावस्या के नाम जाना जाता है।

तर्पण से प्रसन्न होते हैं पितृ
धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोमवती अमावस्या तिथि पर तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करना शुभ होता है। पौराणिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से काल, कष्ट, दुख, संकट से छुटकारा मिलता है।

सोमवती अमावस्या पर पूजा का मुहूर्त
चैत्र माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 08 अप्रैल को सुबह 03.21 बजे होगी और इस तिथि का समापन रात 11.50 बजे पर होगा। इस तिथि को स्नान और दान करना शुभ माना जाता है। स्नान और दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 04.32 बजे से लेकर सुबह 05.18 बजे का समय उचित है।

सोमवती अमावस्या पर ऐसे करें पूजा
सोमवती अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। इसके बाद पवित्र नदी या फिर घर में पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। अब भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके पश्चात भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें। भोलेनाथ को फल, फूल, भांग, धतूरा, बेलपत्र अर्पित करें। अब दीपक जलाकर आरती करें और शिव स्त्रोत और शिव चालीसा का सच्चे मन से पाठ करें। इसके पश्चात सुख, समृद्धि और शांति की कामना करें। अब भोग लगाकर लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

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