हिंदू धर्म बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने वाले को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनको जीवन में सफलता प्राप्त होती है। मां सरस्वती ज्ञान व तीव्र बुद्धि का आशीर्वाद देती है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा विधि, सामग्री और मंत्र के बारे विस्तार से बताया है।

सरस्वती पूजा सामग्री
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा होती है। पूजा करने के लिए आपको कुछ चीजों की जरूरत पड़ेगी। यह चीजें आपको आसानी से बाजार मिल जाएंगी। आपको लौंग, सुपारी, तुलसी दल, हल्दी, एक लोटा जल, रोली, आम के पत्ते, सिंदूर, घी का दीपक, मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर, अगरबत्ती, चौकी और पीला वस्त्र, पीले रंग के फूल और माला, मालपुआ, भोग के लिए मीठे पीले चावल, बूंदी के लड्डू, केसर का हलवा आदि की जरूरत होती है।

सरस्वती पूजा विधि
बसंत पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर तैयार हो जाएं। यह ध्यान रखें कि नए वस्त्र ही पहनें। पूजा की शुरुआत करने से पहले मां सरस्वती की प्रतिमा पर जल छिड़ दें। मां सरस्वती को पीले रंग के ही वस्त्र पहनाएं। उसके बाद उनको पीले फूल ही अर्पित करें। सफेद कम की माला पहना दें। उनको दीप, धूम, नैवेद्य, पान, सुप्रि आदि सामग्री चढ़ाएं। उसके बाद क्ले मंत्रों का जाप कर मां सरस्वती का आशीर्वाद लें।

सरस्वती की पूजा के लिए इस मंत्र का जाप करें

या कुंदेंदुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणा वर दण्डमण्डित करा, या श्वेत पद्मासना।। या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि: देवै: सदा वन्दिता। सा मां पातु सरस्वती भगवती, नि:शेषजाड्यापहा।।
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्। कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।। वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।। सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:। वन्दे भक्तया वन्दिता च।।

सरस्वती मां की पूजा के लिए ये आरती करें

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता। सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी। सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ ॐ जय सरस्वती माता।।।
बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला। शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ ॐ जय सरस्वती माता।।।
देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया। पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो। मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो ॥
धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो। ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥
मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें। हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें ॥
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता। सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता । सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥

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