खबर वर्ल्ड न्यूज़ - संतोष पाठक, मुंगेली।  छत्तीसगढ़ शासन के अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की सदस्य एवं महिला कांग्रेस प्रदेश महासचिव रत्नावली कौशल ने अपना जन्मदिन वृद्धाश्रम में जाकर बड़े बुजुर्गों के संग मनाया। उन्होंने बुजुर्गों के चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद लिया।

हिन्द सेना महिला ब्रिगेड राष्ट्रीय अध्यक्ष रत्नावली कौशल के जन्मदिन को लेकर अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों तथा उनके समर्थकों में जबरदस्त उत्साह का माहौल देखा गया, लेकिन सुश्री कौशल ने तामझाम से दूर रहते हुए बड़े ही सादगीपूर्ण ढंग से अपना जन्मोत्सव मनाया। सुबह स्नान ध्यान से निवृत होने के बाद उन्होंने सबसे पहले अपने इष्टदेव, गुरुओं, संत गुरु घासीदास बाबा को नमन कर विभिन्न वर्गों एवं समुदायों के आस्था स्थलों मंदिर, चर्च, गुरुद्वारा आदि में जाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य और मुंगेली जिले के खुशहाली की ओर अग्रसर होने की कामना की।उन्होंने मंदिरों तथा अन्य पूजा स्थलों के पास मौजूद बेसहारा गरीबों की यथाशक्ति सहायता की। अपने परिचित एवं नगर के अन्य गणमान्य लोगों से भेंटकर उनसे आशीर्वाद लिया। इसके बाद रत्नावली कौशल सीधे वृद्धाश्रम पहुंच गईं। वृद्धाश्रम में रह रहे अपनों के ठुकराए हुए बुजुर्ग महिला पुरुषों की चरण वंदना की, उनसे आशीर्वाद लिया। इन बुजुर्गों के साथ केक काटकर रत्नावली कौशल ने अपना जन्मदिन मनाया। वे काफी देर तक वहां मौजूद रहकर बुजुर्गों से उनका हालचाल पूछती और उनसे बतियाती रहीं। वृद्धाश्रम के बुजुर्ग एक पराई बेटी रत्नावली कौशल से अपनत्व पाकर अपना सारा दर्द और गम भुला बैठे थे। बुजुर्गों ने कांग्रेस नेत्री रत्नावली कौशल को दिल से दुआएं देते हुए कहा कि आज हमें लग रहा है कि अपने पैदा किए बच्चे ही अपनी संतान नहीं होते, बल्कि रत्नावली बिटिया के तौर पर आज हमारे बीच कोई फरिश्ता आ गया है। दरअसल रत्नावली से अपनत्व पाकर बुजुर्ग बेहद भावुक हो उठे थे, उनकी आंखों से अश्रुधाराएं बहने लगी थीं। बुजुर्गों से मिले स्नेह ने रत्नावली कौशल को भी काफी भावुक कर दिया था। उन्होंने बुजुर्गों को भरोसा दिलाया कि अब आपकी यह बेटी आप सभी के हर दुख दर्द में आपके साथ खड़ी नजर आएगी और आप लोगों को अपनों से दूर रहने का जरा भी अहसास नहीं होने देगी। रत्नावली की ऐसी प्यार भरी बातों ने बुजुर्गों का दिल जीत लिया। अनेक बुजुर्ग माताएं तो रत्नावली की बलाएं लेते हुए उनके माथे को चूमने भी लगी थीं। वहीं सतनामी समाज, मेहर समाज व बौद्ध समाज के लोगों ने अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की सदस्य रत्नावली कौशल के जन्मदिन के उपलक्ष में बुद्ध विहार, जैतखाम आदि के समक्ष प्रार्थना सभाएं आयोजित कर सुश्री कौशल की तरक्की और दीर्घायु की कामना की।

  

*झीरम घाटी शहादत दिवस के कारण रही सादगी*

 कांग्रेस नेत्री रत्नावली कौशल ने कहा कि झीरम घाटी शहादत दिवस को देखते हुए उन्होंने अपना जन्मदिन पूरी तरह सादगी के साथ मनाया। उन्होंने बस्तर संभाग के दरभा विकासखंड में स्थित झीरम घाटी में 25 मई 2013 को नक्सली हमले में शहीद हुए कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार व अन्य नेताओं, कार्यकर्त्ताओं तथा सुरक्षा बलों के जवानों को नमन करते और श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपना जन्मदिन सादगी से मनाया। सुश्री कौशल ने कहा कि हमारी पार्टी के नेताओं ने छत्तीसगढ़ में बदलाव लाने और खुशहाली व तरक्की की बयार बहाने के नेक इरादे के साथ परिवर्तन यात्रा निकाली थी, लेकिन अमन और तरक्की के दुश्मनों ने उनकी जान ले ली। रत्नावली ने कहा कि शहीद कांग्रेस नेताओं के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए हमारे संवेदनशील और कर्मनिष्ठ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिन रात कठिन परिश्रम कर रहे हैं। यही मेरे जन्मदिन का सबसे बड़ा उपहार है।