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धर्म आध्यात्म

धर्म आध्यात्म
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प्रत्येक शनिवार को सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें
  न्याय के देवता शनिदेव मनुष्य के हर अच्‍छे बुरे कार्य का फल प्रदान करते हैं। अगर शनिदेव प्रसन्न हो जाएं तो हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। शनिदेव, मनुष्य के कर्मों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं। शनिदेव की अगर कृपा हो जाए तो जीवन में नई तरंग का आभास होता है। सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं शनिदेव को प्रसन्न करने के आसान से

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भगवान श्रीगणेश को विघ्न विनाशक कहा गया है। किसी भी व्रत या अनुष्ठान में सबसे पहले श्रीगणेश जी का पूजन ही किया जाता है। भगवान गणेश की वंदना कर सभी प्रकार के वास्तु दोषों को दूर किया जा सकता है। नियमित रूप से श्रीगणेश जी की आराधना से वास्तु दोष दूर हो जाते हैं।
घर या कार्यस्थल में भगवान श्रीगणेश की मूर्ति या चित्र अवश्य लगाएं, लेकिन ध्यान रखें कि किसी भी स्थिति में इनका मुख दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में

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हमारे पौराणिक आख्यानों में नारद को नारायण के भक्त की तरह चित्रित किया गया है। वे नारायण के पार्षद भी कहे जाते हैं। इन्हीं नारायण का प्राकट्य पर्व ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है।
शास्त्रों के अनुसार पूर्व जन्म में नारद 'उपबर्हण" नाम के गन्धर्व थे। एक बार ब्रह्माजी ने उपबर्हण को उनके अशिष्ट आचरण के कारण शूद्र योनि में जन्म लेने का श्राप दे दिया। श्राप के फलस्वरूप वे'शूद्रादासी" के

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  अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ये पर्व मनाया जाता है।  अक्षय तृतीया धन धान्य के उत्सव और मां लक्ष्मी की आराधना का पर्व है। 
अक्षय तृतीया पर करें ये उपाए…
1।  इस दिन सोने या चांदी में बने लक्ष्मी चरण पादुका को घर लाएं और विधिवत पूजन करें। 
2।  पारद की मां लक्ष्मी, लक्ष्मी नारायण की मूर्ति, की स्थापना विधिवत कर पूजा

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वर्ष 1986 (1406 हिजरी) में मई के महीने में ही पवित्र माह रमजान आया था। 33 साल बाद फिर 2019 में मई महीने में बरकतों का महीना आया है। उस समय रोजदारों ने तेज धूप और गर्मी के दौरान चांद का दीदार कर पूरे महीने रोजदारों ने रोजे रखे थे। एक बार फिर मई के महीने में ही वर्ष 2019 (1440 हिजरी) में रमजान का मुबारक महीना मुस्लिम समाज को मिला। खास बात यह है कि चाहे जैसा भी मौसम हो रमजान का समाज के बच्चों, बुजुर्गों के साथ सभी

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