बजरंग बली की स्तुति 12 नामों से करनी चाहिए। ये स्तुति आनन्दरामायण में बताई गई है। हनुमान जी के 12 नाम लेने से हर तरह के दुख दूर हो जाते हैं। हनुमान जी के 12 नामों की स्तुति का एक श्लोक है। जिसमें हनुमान जी के इन 12 नामो की महिमा है। हर नाम को जपने से लाभ होता है और कष्टों से मुक्ति मिलेगी। हनुमान के 12 नाम का पाठ करने से शनि की साढ़ेसाती और ढय्या से भी मुक्ति मिल जाती
शनि अमावस्या 4 मई 2019 को है वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या शास्त्रों के अनुसार न्याय के देवता शनि देव सूर्यपुत्र व यमराज के भ्राता हैं. अपनी दशा साढ़ेसाती आदि में किए गए कर्म के भले या बुरे फल प्रदान करते हैं. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि अमावस्या का दिन सर्वोत्तम माना कि जाता है. इसलिए शनिचरी अमावस्या को शनि पूजा अर्चना साधना के लिए महत्वपूर्ण वांछित फल दायक माना जाता है.
ब्रह्मा जी को संसार का रचियता कहा जाता है, वहीं भगवान विष्णु को पालनहार और भोलेनाथ को संहारक माना गया है।
हिंदू धर्म में ब्रह्मा, विष्णु और महेश को त्रिदेवों के रूप में पूजा जाता है। ब्रह्मा जी को संसार का रचियता कहा जाता है, वहीं भगवान विष्णु को पालनहार और भोलेनाथ को संहारक माना गया है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पूरी दुनिया में ब्रह्मा जी के केलव 3 ही प्रसिद्ध मंदिर है, जबकि भगवान विष्णु और शिव के बहुत से
महाभारत के एतिहासिक युद्ध में लगभग 45 लाख लोग शामिल हुए थे। इन 45 लाख लोगों के अलावा भी कई ऐसे लोग थे, जो युद्ध में शामिल नहीं हुए थे लेकिन उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस खबर के जरिए हम एक ऐसी जानकारी दे रहे हैं, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। पुरानी कथाओं के अनुसार युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण की नीति की वजह से युधिष्ठिर और अर्जुन की जान बची थी।
हिंदू धर्मशास्त्रों में दान की काफी महत्ता बताई गई है। सुपात्र यानी योग्य या जरूरतमंद को दान करने से दाता की तकदीर बदल सकती है। शास्त्रों में प्राणीमात्र से लेकर पेड़-पौधों तक की सेवा और उनको दान करने की बात बताई गई है। दान करने से इंसान का दुर्भाग्य दूर होता है और उसके ग्रहों की पीड़ा का भी शमन होता है। दान किसी भी समय कहीं भी किया जा सकता है जिसका थोड़ा-बहुत फल जरूर मिलता है, लेकिन विशेष समय, तिथि, दिवस