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K.W.N.S.-Ashish Kanthale-बेमेतरा। जिला अस्पताल के ओपीडी हॉल में आज विश्व टीबी दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर सीएमएचओ डॉ एसके शर्मा ने बताया,“कोरोना संक्रमण के दौर में लोगों को पहले से अधिकसतर्करहने की आवश्यकता है और इसकेलिएउनको जागरुक करना जरुरी है। कोरोना महामारी से जूझरहे लोगों को जानकारी होनी चाहिए कि टीबी की बीमारी का सीधा प्रभाव छाती पर पड़ता है। कभी-कभी सांस लेने में भी परेशानी हो जाती है।
कोरोनाकाल में टीबी मरीजों को और अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि कोरोना महामारी भी फेफड़ों पर असर डालती है। इसलिए टीबी के मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन लगातार करते रहना चाहिए। आमतौर पर कुछ मरीज बीच में ही दवा छोड़ देते हैं। कोरोनाकाल में इस तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। ऐसे समय में लोगों को टीबी की दवा के साथ मास्क का उपयोग करना जरुरी है। टीबी मरीजों को जागरूक करने के लिए 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है। इस बार की थीम ‘दी क्लॉक इस टिकिंग’ यानी (घड़ी चल रही है) रखी गई है।इसका उद्देश्य टीबी की रोकथाम के लिए लक्षणकी पहचान, समय जांच और इलाज के लिए जागरूक करना है”।  
इस दिवस को मनाने का उदेश्य लोगों काध्यान टीबी बीमारी की ओर आकर्षित करना है ताकि लोग इस बीमारी की गंभीरता को समझें और इसके बारे में जागरूक रहें।टीबी बीमारी से सम्बन्धित लक्षण एवं बचाव की जानकारी के लिए रैली का आयोजन किया गया एवं जनजागरुकता रथ के माध्यम से माइकिंग भी की गई। इस अवसर पर कोविड-19 को देखते हुए मास्क बांटकर आम जनता को टीबी के संबंध में जागरुक किया गया। इसके बाद जिले के सभी ब्लॉकों से आए टीबी मितान, जिला मितानिन समन्वयक व स्वास्थ्य कर्मचारियों ने टीबी को जड़ खत्म करने कीशपथ ली।
जिला सिविल-सर्जन डा. वंदना भेले, एनटीईपी नोडल डॉ. जी.एस. ठाकुर,डॉ. नितेश चौबे एनटीईपी एमओडीटीसी ,डीपीएम अनुपमा तिवारी, एनटीईपी समन्वयक सम्पत्ति बंजारे ने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन अभियान को सफल बनाने को टीबी मरीजों को खोजने पर जोर दिया । बेमेतरा जिले में 2020 में  कुल 562 क्षय से ग्रसित मरीज मिलेहैं। इन मरीजों को पौष्टिक, ताजा भोजन करना तथा स्वच्छ वातावरण में रहना चाहिये।
सिविल-सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डा. वंदना भेले ने बताया, “टीबी मरीजों को 6 माह की दवाई दी जाती है।  दो माह के बाद मरीज को बलगम जांच उपरांत आगे 4 माह की दवाई  दिया जाता है। टीबी में एमडीआर (मल्टी ड्रग रेसीडेन्स टीबी) प्रकार के मरीज भी मिलते है। जिसका इलाज 6 माह से 2 साल तक किया जाता है। टीबी मितान व अन्य लोगों द्वारा एक टीबी मरीज ढूंढकर लाने वाले को 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि दिया जाता है। आज विश्व टीबी दिवस के प्रति लोगों में जागरुकता लाने के लिये कैप एवं पेन बांटा गया । इस अवसर पर कोविड-19 को देखते हुये हाट बाजार, सिग्नलचौक सहित राहगीरों को मास्क बांटकर टीबी के संबंध में जागरुक किया गया।
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