पूर्णिमा के बाद भादो का महीना लग गया है। भादो के महीने की षष्ठी को बलराम और अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस माह में भगवान विष्णु का खास पूजा करनी चाहिए। इस दिन पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है। जन्माष्टमी पर राहुकाल दोपहर 12:27 बजे से 02:06 बजे तक रहेगा। इस बार जन्माष्टमी पर कृतिका नक्षत्र रहेगा, उसके बाद रोहिणी नक्षत्र रहेगा, जो 13 अगस्त तक रहेगा। पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12
रक्षा बंधन पर आज सोमवार और पूर्णिमा का योग भगवान महादेव की विशेष कृपा दिलाएगा। इस बार रक्षा बंधन पर शताब्दी में पहली बार चतुर्योग में रक्षा बंधन आ रहा है। सर्वार्थ-सिद्धि योग आयुष्मान योग के चलते दीर्घायु का वर प्रदान करेगा। इस बार भद्रा और राहुकाल 9.30 से पहले ही समाप्त हो रहे हैं। इस योग में भाई-बहन की सभी इच्छाएं पूरी होंगी।
आर्थिक दृष्टिकोण से मीन राशि के लोगों के लिए आज का दिन बहुत अच्छा रहेगा। वक्री शनि आपके लिए धन के नए रास्ते खोलेगा। भरपूर आर्थिक लाभ मिलेगा। जबकि वृष, कर्क, कन्या और तुला राशि के लोगों के लिए धन-पैसे से जुड़े मामले में आज का दिन बहुत खास नहीं रहेगा। खर्च बढ़ने के साथ आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। राशि के अनुसार जानिए मनी मामले में आपके लिए कैसा रहेगा मंगलवार।
नाग पंचमी के दिन श्रद्धालु नाग देवता की पूजा उनको वासुकि नाग, तक्षक नाग और शेषनाग मानकर करते हैं। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से कष्टों का निवारण भी होता है। इस दिन कुछ लोग घरों में सब्जी आदि काटने से परहेज करते हैं और कुछ और रीति-रिवाजों का भी पालन करते हैं।
नाग पंचमी का महत्व
सनातन संस्कृति में नाग को देवता का दर्जा दिया गया है। भगवान शिव को प्रिय नाग है तो
हरियाली तीज का त्यौहार उत्तर भारत में महिलाएं उत्साह और उमंग के साथ मनाती है। इस दिन वो सोलह श्रंगार करती है और घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती है। शास्त्रोक्त मान्यता है कि इस तिथि को व्रत करने से पार्वती माता को महादेव वर के रूप में मिले थे। इसलिए इस तिथि का व्रत महिलाएं खासतौर पर करती है। इस दिन मेंहदी, झूले, सोलह श्रंगार, लहरिया और घेवर का काफी महत्व है।