सनातन धर्म में शनि महाराज की पूजा का महत्व है। छायापुत्र शनि को कर्मफलदाता कहा जाता है। शनैश्चर मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। व्यक्ति को अपने कर्मों के आधार पर साढ़े साती और ढैय्या का कष्ट भोगना पड़ता है।

शनि देव की पूजा कर उनके कष्टों से मुक्ति पाई जा सकता है। शनिवार का दिन सूर्य पुत्र की पूजा के लिए उत्तम माना गया है। वैशाख माह की शनि जयंती के दिन शनिदेव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। आइए जानते हैं वैशाख माह की शनि जयंती कब है। इस दिन शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है।

शनि जयंती 2024 तिथि
शनि जयंती वैशाख माह की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। वैशाख अमावस्या का आरंभ 7 मई को सुबह 11.40 मिनट से होगा। इसका समापन अगले दिन सुबह 08.51 मिनट पर होगा। ऐसे में शनि जयंती 7 मई को मनाई जाएगी।

शनि जयंती 2024 शुभ मुहूर्त
शनि जयंती के दिन शनैश्चर की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05.20 मिनट से रात्रि 07.01 मिनट तक है। इस दौरान शनिदेव की पूजा करने से तरक्की के रास्ते खुलेंगे।

शनि जयंती 2024 महत्व
वैशाख माह की शनि जयंती दक्षिण भारत में मनाई जाती है। ज्येष्ठ माह की अमावस्या वाली शनि जयंती का उत्तर भारत में महत्व है। शनि जयंती पर शनि देव को तेल अर्पित करने और शनि चालिसा का पाठ करने से साढ़े साती और ढैय्या से राहत मिलती है।

शनि का वैदिक मंत्र
ओम शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्त्रवन्तु नः।।

शनि का तांत्रिक मंत्र
ओम शं शनैश्चराय नमः।।

शनि का बीज मंत्र
ओम प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।

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