खबर वर्ल्ड न्यूज-रायपुर। करदाताओं को आयकर रिटर्न भरते समय किसी भी प्रकार की गलती से बचना चाहिए। करदाताओं को किसी भी हालत में अपनी आय नहीं छिपानी चाहिए। नियमों के मुताबिक करदाता ने अगर 50 लाख या ज्यादा की आय छिपाई है तो आयकर अधिकारी उसके एकाउंट की 10 वर्षों तक की जांच कर सकता है। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग द्वारा इन दिनों स्क्रूटनी भी शुरू कर दी गई है और करदाताओं को नोटिस भेजने की भी तैयारी है। प्रदेश में वर्तमान में 12 लाख से ज्यादा करदाता हैं।

कर विशेषज्ञों के अनुसार करदाता अगर 50 लाख या उससे ज्यादा की आय छिपाता है तो आयकर विभाग उसके 10 वर्षों तक का रिकार्ड मांग सकता है। यह करदाता की संपत्ति के अलावा उसके द्वारा किए गए लेन-देन पर भी हो सकती है। साथ ही छिपाई हुई संपत्ति सोना-चांदी, नकद या शेयर भी हो सकता है।

टैक्‍सपेयर्स इन बातों का जरूर रखें ध्‍यान
करदाता को हमेशा अपने आय के स्त्रोत की जानकारी होनी चाहिए, अगर आय के स्रोत की जानकारी नहीं है तो उस स्थिति में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आय के स्रोत की जानकारी नहीं देने पर टैक्स के साथ ही जेल भी जाना पड़ सकता है। कर विशेषज्ञ चेतन तारवानी ने बताया कि फाइनेंस बिल 2022 में ही यह बदलाव किया जा चुका है। करदाताओं को परेशानी से बचने के लिए अपना टैक्स पूरी ईमानदारी के साथ भरना चाहिए।

संदिग्ध खातों की हो रही स्क्रूटनी
विभागीय सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग द्वारा ऐसे संदिग्ध खातों की स्क्रूटनी की जा रही है और आने वाले दिनों में करदाताओं को नोटिस भी भेजने की तैयारी है। बहुत से ऐसे संदिग्ध खाते हैं, जिनकी जांच की जा सकती है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि पुराने मामलों में टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितता के मामलों में शीघ्र ही 10 वर्ष पुराने लेन-देन की जांच भी हो सकती है।

मालूम हो कि आयकर विभाग के पास पहले छह वर्ष तक जांच करने का अधिकार था, इसे वर्तमान में तीन वर्ष कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि फाइनेंस बिल 2022 में किए गए बदलाव के अनुसार 10 वर्ष पुराने रिकार्ड भी खंगाले जा सकते हैं।

शादी या अन्य उत्सव में खर्चों का हिसाब रखें
कर विशेषज्ञों के अनुसार इस प्रकार की परेशानी से बचने के लिए करदाताओं को चाहिए कि घर में शादी या अन्य उत्सव में होने वाले खर्चों का हिसाब भी अपने बही खाते में दर्ज करें। ऐसा न करने पर आयकर विभाग 77.25 प्रतिशत टैक्स वसूल सकता है।