विभागीय स्टॉलों में झलकी जिले की 25 वर्षों की विकास यात्रा – कलेक्टर बोले, “बेमेतरा ने हर क्षेत्र में गढ़ी नई पहचान”
खबर वर्ल्ड न्यूज-आशीष कंठले-बेमेतरा। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित रजत राज्योत्सव के अंतर्गत जिला मुख्यालय बेमेतरा के ऐतिहासिक बेसिक स्कूल ग्राउंड मैदान में तीन दिवसीय जिला स्तरीय राज्योत्सव हर्षाेल्लास के साथ चल रहा हैं। राज्योत्सव के पहले व दूसरे दिन कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने प्रदर्शनी स्थल का भ्रमण कर विभागीय स्टॉलों का अवलोकन किया। इस दौरान विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत विकास कार्यों, नवाचारों और योजनाओं की जानकारी ली गई।
विभागीय स्टॉल प्रदर्शनी में दिखी जिले की विकास गाथा
कलेक्टर एवं एसएसपी ने जिला पंचायत, जनपद पंचायतें, महिला एवं बाल विकास, कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य पालन, पशुपालन, समाज कल्याण, जल संसाधन, शिक्षा, उद्योग, श्रम, स्वास्थ्य, वन, ऊर्जा (क्रेडा), लोक निर्माण, नगरीय निकाय, बीज निगम, कृषि विज्ञान केंद्र, जनसंपर्क विभाग सहित 30 से अधिक विभागों के आकर्षक स्टॉलों का निरीक्षण किया। प्रदर्शनी में विभागों ने छायाचित्र, मॉडल, पुस्तिकाएँ, वीडियो प्रेजेंटेशन और प्रदर्शन सामग्री के माध्यम से जिले की विकास उपलब्धियाँ, योजनाओं की क्रियान्वयन स्थिति और जनकल्याणकारी नवाचारों को दर्शाया। कई स्टॉलों पर जन जागरूकता सामग्री और योजनाओं की जानकारी नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही थी।
कलेक्टर बोले- “राज्योत्सव जिले की उपलब्धियों और जनभागीदारी का उत्सव”
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने कहा कि बेमेतरा जिले ने बीते 25 वर्षों में विकास के हर क्षेत्र में नई पहचान स्थापित की है। शासन की योजनाओं को धरातल तक पहुँचाने में विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का समर्पित प्रयास प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि राज्योत्सव हमारे विकास, संस्कृति और जनसहभागिता का प्रतीक है, जो जिले की सामूहिक प्रगति को दर्शाता है। कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रदर्शनी स्थल पर आने वाले नागरिकों को योजनाओं की पूरी जानकारी दें ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ प्राप्त कर सकें।
विकास और संस्कृति का संगम बना राज्योत्सव
राज्योत्सव स्थल पर जहाँ एक ओर विभागों द्वारा जिले की विकास यात्रा को प्रदर्शित किया गया, वहीं दूसरी ओर स्थानीय कलाकारों और विद्यार्थियों ने छत्तीसगढ़ी लोककला की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं। नाचा, सुवा, पंथी और करमा जैसे लोकनृत्यों ने पूरे वातावरण को छत्तीसगढ़ी रंग में रंग दिया।
तीन दिवसीय आयोजन में नागरिकों की उमड़ी भीड़
राज्योत्सव के दौरान आने वाले दो दिनों तक विभागीय प्रदर्शनियां, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, स्थानीय उत्पादों की बिक्री और हितग्राही वितरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। अधिकारी गणों ने बताया कि यह रजत महोत्सव न केवल राज्य की 25 वर्ष की विकास यात्रा का प्रतीक है, बल्कि यह जनता की सहभागिता, सांस्कृतिक गौरव और आत्मनिर्भरता का भी उत्सव है।


