8856038533, 6267138163, हिंसा छोड़ने वाले नक्सली संपर्क करें
खबर वर्ल्ड न्यूज-राकेश पांडेय-जगदलपुर। डेढ़ करोड़ के इनामी नक्सली मोजुल्ला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने 15 अक्टूबर को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सरकार के सामक्ष आत्मसमर्पण करने के बाद एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा कि संगठन के लोग मुझे गद्दार कह रहे हैं, लेकिन मैं गद्दार नहीं हूं। वर्तमान की परिस्थितियां बदल गई हैं । इसलिए अपने अन्य 60 साथियों के साथ हथियार डाला हूं। भूपति का कहना है कि आज भी देश में संगठन में मौजूद कई साथी इलाका और सत्ता के लिए हथियारबंद संघर्ष में डटे हुए हैं। उन्हाेने कहा कि इस रास्ते पर चलकर ही हम जनता से दूर हुए हैं, ये इस रास्ते की विफलता को दर्शाता है। हमने अपने साथियों को खोने के बाद आत्मसमर्पण का फैसला लिया। अब हम हथियार छोड़कर, जनता के बीच रहकर उनके लिए काम करना चाहते हैं। भूपति ने अपने साथियों से भी आत्मसमर्पण करने की अपील की है। साथ ही भूपति ने साथियों के लिए अपना एक कॉन्टैक्ट नंबर 8856038533 जारी कर कहा है कि इस नंबर पर उससे सीधे संपर्क करे। इसके अलावा आत्मसमर्पित नक्सली रूपेश का नंबर 6267138163 भी जारी किया है। जिस पर हिंसा छोड़ने की इच्छा रखने वाले नक्सली उनसे संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि संगठन के भीतर वैचारिक संकट गहराता जा रहा है। यह समय बंदूक उठाने का नहीं बल्कि आत्ममंथन का है। जनता की लड़ाई अब जनता के साथ मिलकर लोकतांत्रिक तरीकों से लड़ी जानी चाहिए। आत्मसमर्पण करने के बाद भूपति ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है।
भूपति ने नक्सल संगठन में मौजूद अपने साथियों से अपील की है कि वे भी हिंसा का रास्ता छोड़ दें और आत्मसमर्पण कर दें। भूपति का कहना है कि हमने जिन साथियों को खोया है उसके लिए अब बदलाव जरूरी है। सेंट्रल कमेटी सारी परिस्थितियों को समझ रही है। लेकिन संघर्ष पर बदलाव लाने के लिए तैयार नहीं है, ये उनकी कठमुल्लावाद तरीका को दर्शाता है। भूपति ने कहा हथियार छोड़कर जनता के बीच में आकर काम करें। छत्तीसगढ़ में लीडर रूपेश के साथ सैकड़ों साथियों ने हिंसा छोड़ दी है। अब कानून के दायरे में रहकर हम जनता के बीच में रहकर काम करेंगे।
गाैरतलब है कि भूपति के आत्मसमर्पण करने के बाद नक्सलियाें के सीसी मेंबर रूपेश ने भी छत्तीसगढ़ सरकार के सामने हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद रूपेश ने भी एक वीडियो जारी किया था। रूपेश ने कहा कि महासचिव बसवा राजू भी चाहते थे कि संघर्ष विराम हो। इसी बीच बसवा राजू का एनकाउंटर हो गया, हमे अपने साथियों की चिंता है, हमें भविष्य के बारे में सोचना था। रूपेश ने माओवादी संगठन पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि दंडकारण्य की बैठक में भी उन्हें नहीं बताया कि उत्तर बस्तर साथी क्या सोच रहे हैं। आत्मसमर्पित नक्सली लीडर रूपेश ने कहा कि नुकसानों को लेकर पार्टी हमें जिम्मेदार ठहरा रही है, यह गलत है। हमने पार्टी को बचाने के लिए आत्मसमर्पण किया है। मैं अपने किसी भी साथी को दबाव डालकर आत्मसमर्पण करवाने नहीं लाया हूं। दरअसल, 17 अक्टूबर को जगदलपुर में 210 नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया था। 153 हथियार भी सौंपे गए थे। इन्हें 3 बसों के जरिए के जगदलपुर मुख्यालय लाया गया था। इनमें 1 करोड़ का इनामी सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) सतीश उर्फ टी. वासुदेव राव उर्फ रूपेश भी शामिल था।इसके बाद नक्सल संगठन की ओर से नक्सली अभय के नाम से पर्चा जारी हुआ, जिसमें रूपेश समेत 210 सरेंडर नक्सलियों को गद्दार बताया गया था।


