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विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष ...गंगा मुंडा तालाब से बातचीत!!
नवीन श्रीवास्तव- बदहाली के साथ जिम्मेदार लोगों के अनदेखी, उपेक्षा के चलते अपनी गरिमा और अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे स्थानीय गंगा मुंडा तालाब को देख कर मुझे लगा कि कोई उस की व्यथा सुन नहीं रहा है कोई उसकी दुर्गति देखने वाला नहीं तो मैंनेने सोचा क्यों ना तालाब की पीड़ा को उसकी ही आवाज बनाई जाए.. ताकि अपनी दुनिया में मशगूल केवल विकास के ढोल पीटने वाले जिम्मेदार लोगों तक यह पहुंच सके और कोई यहां आकर इस तालाब से पूछे कि...तुम कैसे हो इसी विचार उद्देश्य को लेकर विश्व पर्यावरण दिवस पर गंगामुंडा तालाब से एक काल्पनिक अनोखी बातचीत आपके सामने प्रस्तुत है...
- 0 कैसे हैं आप
 00 आप कैसे हैं (दूसरों का सुध रखने वालों को अपना ख्याल कहां रहता है)
0 आपको देखता हूं तो पूछने का मन कर रहा...कैसा हाल हो गया आपका..
00  जब तक रहना है.. अपना दायित्व निभाना है मेरा तो बूंद-बूंद किसी का काम आए  यही चाहता हूं ...यही कोशिश है।
 0 क्या एक तालाब और दूसरे तालाब में  फर्क  या भेद होता है ?
00  नहीं भेद नहीं.. कोई फर्क नहीं होता ।
0 शहर में और भी ताल थे..तालाब..पर आज वह नहीं है उनका नामो निशान नहीं है?
00 (सवाल के पूछते ही एक हवा का ऐसा झोंका आया कि..जलकुंभियों से भरे होने के बाद भी गंगा मुंडा तालाब का समूचा देह डोल उठा.. फिर शांत हो गया.. मानो तालाब ने बहुत कुछ कहने लम्बी सांस लिया हो)
दिखने वाली कोई भी चीज शाश्वत नहीं है..मैं भी नहीं.. पर इंसानी दिलों से जब उदार भावनाएं भाप बनकर उड़ती तो सावधान..सवेंदनाओ के वाष्पीकरण से हमारे जैसे तालाब उम्र से पहले सूखने लगते हैं ..फिर
0 फिर क्या..
00 पहले औचित्य खत्म होता..फिर अस्तित्व.. मैं कहां हु मेरी उम्र क्या है आप समझ गए होंगे..
0 शराब बीयर  की खाली  बोतलें कुछ असमाजिक तत्व किस्म के  लोग आपके देह ऊपर फेंक जाते हैं  पानी मे डाल जाते हैं क्या यह बात चुभती नहीं है ?(पाठकों को विदित हो  कि इस तालाब में असमाजिक तत्व नशे के बाद खाली बोतलें फेंक जाते है)
00 सवाल सुनकर तालाब की मंद लहरें इस  तरह हिलोरें लेती है मानो दर्द छुपा कर  मुस्कुराया हो (फिर उसने दार्शनिक अंदाज में कहा)- दरअसल यह जो शराब की खाली बोतलें हैं यह... बताता है कि आपके पास कोई ऐसा भी है  जिसने  होश खोने बाजार से यह बेहोशी खरीदा है..यह सही है शराब पीकर खुद को खो देना उचित नहीं बल्कि असहजता है...सहज बस्तर के खिलाफ ..यही कारण है कि  शराब से केवल मैं एक तालाब ही क्या..इंसानी समाज की स्त्रियां,बच्चे..यहां तक कि वादियां  और नदी, तालाब भी प्रभावित हो रहें है 
0 (शराब पर तालाब को इस तरह बोलते देख आखिर मैंने आगे यह पूछ ही लिया कि..तो शराब बंदी पर क्या बोलेंगे आप?
00 क्या बोलु..नशेबन्दी के खिलाफ मुझे लगता है शराबबंदी ठीक वैसे ही है जैसे किसी को कैंसर हो और उसे पैरासिटामोल  दिया जा रहा हो...!
0 अच्छा यह बताईये की क्याआपको लगता है कि आपके दिन फिरेंगे? 
00 हां.. हां बिलकुल ...कुछ दिनों बाद मानसून की बारिश मेरे आसपास की सारी गंदगी.कचरे को मुझसे मिला देगी। 
0 और ...इस तरह स्वच्छता और शहर ,पर्यावरण के नाम पर ढोल पीटने वालों को क्या क्लीनचिट मिल जाएगा..?
00 पर वह ख़ामोश रहा
0 अच्छा विश्व पर्यावरण दिवस पर कोई लोगों के लिए कोई संदेश देना चाहेंगे?
00 कोई अच्छा काम चाहे वह किसी भी स्तर का हो या किसी भी स्तर पर हो छोटा हो या बड़ा हो स्वागत योग्य होता है... जैसे एक बीज  में पूरा वृक्ष होता है अच्छा करने की कोशिश मायने रखता है ...महत्वपूर्ण यह  है  कि बीज  किसका है .. बस बात नीयत की है (कहते कहते वह ठिठक  गया  )
0 आगे कहिए..
00 कुछ नहीं आज मेरे लोग जिन्हें मैं प्रेम करता हूं  विश्व पर्यावरण दिवस पर मुझे भी शामिल कर लेते तो अच्छा होता।।
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