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लेखक- तारण प्रकाश सिन्हा
ऐसा उल्लेख मिलता है कि वर्ष 1918 में स्पेनिश फ्लू से दुनियाभर में 5 करोड़ से ज्यादा मौतें हुईं थीं। भारत में ही करीब डेढ़ करोड़ लोगों ने अपनी जानें गंवा दी थीं। तब महात्मा गांधी भी इस बीमारी की चपेट में आकर बीमार हो गए थे।
यह वह दौर था जब न तो चिकित्सा विज्ञान इतना उन्नत था और न ही तकनीक। तब भी मनुष्य ने उस भयंकर महामारी से डटकर मुकाबला किया और अंततः विजय हासिल की।
सिर्फ स्पेनिश फ्लू ही क्यों, उसके भी पहले, और बाद में, न जाने कितनी ही ऐसी ही महामारियों को हमने हराया है। कोविड-19 पर भी हम विजय हासिल करेंगे, यह तय है।
कोविड-19 वायरस पर दुनियाभर में तेजी से रिसर्च हो रहा है। प्रभावी दवाओं की खोज हो रही है। टीके इजाद किए जा रहे हैं। विभिन्न स्रोतों से नतीजों की जो जानकारियां सामने आ रही हैं, वे उत्साह बढ़ाने वाली हैं। चिकित्सा विज्ञानियों को इस दिशा में लगातार सफलताएं मिल रही हैं।
इन अनुसंधानों के बीच कोविड-19 से संक्रमित लोगों का उपचार जारी है। मौतों की शुरुआती बढ़त के बाद अब इस वायरस से मुक्त होकर स्वस्थ होने वाले लोगों का बढ़ता आंकड़ा उम्मीदें जगा रहा है। छत्तीसगढ़ का ही उदाहरण लें, यहां इस महामारी से अब तक एक भी जान नहीं गई है, जबकि जिन 10 लोगों का उपचार किया गया, उनमें से 9 पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।
 
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