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khabarworld24.com - डीपफेक (Deepfake) तकनीक आजकल इंटरनेट पर तेजी से फैल रही है और यह लोगों की गोपनीयता के लिए गंभीर खतरा बन गई है। डीपफेक वीडियो और ऑडियो में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके वास्तविक व्यक्ति के चेहरे, आवाज और भावनाओं की नकल की जाती है। यह तकनीक दिखने और सुनने में असली जैसी होती है, जिससे असली और नकली के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है। इस तकनीक का दुरुपयोग, खासकर सोशल मीडिया पर, लोगों की प्रतिष्ठा, निजी जीवन और सुरक्षा
khabarworld24.com -आंखें हमारी सबसे महत्वपूर्ण इंद्रियों में से एक हैं, लेकिन तेजी से बदलते डिजिटल युग में हम अनजाने में कई ऐसी आदतें अपना लेते हैं जो आंखों की सेहत को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती हैं। हाल के अध्ययनों के अनुसार, बुरी आदतों का लगातार पालन करना आंखों की दृष्टि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते इन आदतों में सुधार नहीं किया गया, तो दृष्टि संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। यहां कुछ आम आदतों और
khabarworld24.com - भारत में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ अमीरों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में 8 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति रखने वाले लोगों की संख्या 8.5 लाख तक पहुँच गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2027 तक यह संख्या दोगुनी होकर 16.5 लाख से अधिक हो जाएगी। यह वृद्धि मुख्यतः टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप्स और रियल एस्टेट क्षेत्रों में हो रहे प्रगति से प्रेरित है।
khabarworld24.com - अगर आप ऑफिस में काम के दबाव से थकावट महसूस कर रहे हैं, तो कुछ छोटे लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव आपकी ऊर्जा को फिर से जीवित कर सकते हैं। लंबे समय तक काम करने से शरीर और मन दोनों पर प्रभाव पड़ता है, जिससे उत्पादकता घट सकती है। यहां हम कुछ ऐसे टिप्स पर चर्चा करेंगे, जो आपको काम के दबाव को बेहतर ढंग से संभालने और ऊर्जा बनाए रखने में मदद करेंगे। साथ ही हम आंकड़ों के साथ यह जानने की कोशिश करेंगे कि कैसे काम के दबाव से थकावट का असर
खबर वर्ल्ड24-व्यास पाठक -छत्तीसगढ़ - भारत की लगभग 59 प्रतिशत कंपनियों ने पिछले दो वर्षों में वित्तीय धोखाधड़ी का सामना किया है, जिसमें सबसे प्रमुख समस्या खरीद संबंधित धोखाधड़ी रही है। यह जानकारी प्राइस वाटर हाउस कूपर (PwC) के वैश्विक आर्थिक अपराध सर्वेक्षण 2024 में सामने आई है। इस सर्वेक्षण ने दुनियाभर की 2,446 कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया, जिसमें 91 भारतीय कंपनियां शामिल थीं।