महाकुंभ का आधा समय बीत चुका है। प्रयागराज में मकर संक्रांति से शुरू हुआ महाकुंभ महाशिवरात्रि पर समाप्त होगा। मान्यता है कि अगर व्यक्ति कुंभ स्नान करता है तो उसके सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे पापों से मुक्ति मिल जाती है। महाकुंभ की स्थान और तिथियां ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करती है। महाकुंभ 2025 में अब कितने अमृत स्नान बचे हैं, ये कब-कब हैं जानते हैं डेट, मुहूर्त।
महाकुंभ 2025 कितने अमृत स्नान बाकी
माघ पूर्णिमा - महाकुंभ का अगला शाही स्नान माघ पूर्णिमा पर 12 फरवरी 2025 को होगा। स्कंद और भविष्य पुराण के अलावा अन्य ग्रंथों में भी माघ पूर्णिमा को बहुत खास बताया है। इस दिन कल्पवास की समाप्ति होती है। माघ पूर्णिमा पर स्नान करने से हर तरह के पाप और दोष दूर हो जाते हैं।
महाशिवरात्रि - महाकुंभ का आखिरी शाही स्नान 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि पर होगा। ये शिव का प्रिय दिन माना गया है। इस दिन काशी में गंगा घाट पर स्नान का महत्व है।
माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि पर अमृत स्नान नहीं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य मकर राशि में और गुरु वृषभ राशि में होते हैं, तब विशेष तिथियों पर महाकुंभ में स्नान को अमृत स्नान माना जाता है लेकिन माघ पूर्णिमा के दिन गुरु तो वृषभ राशि में होंगे, लेकिन सूर्य कुंभ राशि में आ जाएंगे। इसलिए महाशिवरात्रि और माघी पूर्णिमा का स्नान भी अमृत स्नान नहीं माना जाएगा। हालांकि माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि का स्नान भी बहुत शुभ माना जाता है।
महाकुंभ के स्नान में पितरों को कैसे खुश करें
पूर्णिमा तिथि को तीर्थ स्नान के साथ ही तर्पण और श्रद्धा अनुसार अन्न एवं जल दान किया जाता है। मान्यता है ऐसा करने से पितर तृप्त होते हैं। पूर्वज अपने वंशज को आशीर्वाद देते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
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महाकुंभ में अब कितने शाही स्नान शेष हैं, फरवरी में इनकी डेट नोट कर लें
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