khbarworld24-केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक साक्षात्कार में घोषणा की है कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने वालों की परेशानियों को कम करने के लिए एक समान टोल नीति तैयार कर रही है। यह नई टोल नीति यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने का वादा करती है, जिससे टोल भुगतान में समानता आएगी और विभिन्न टोल दरों से उत्पन्न होने वाली असुविधा को दूर किया जा सकेगा। हालांकि, इस नीति की विस्तृत जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।

भारत की हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के बराबर

गडकरी ने यह भी दावा किया कि भारत का हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर अब अमेरिका के हाईवे नेटवर्क के बराबर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि भारत की सड़कों की गुणवत्ता और निर्माण कार्यों में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। हालांकि, बढ़ते टोल शुल्क और खराब सड़कों की स्थिति के कारण आम जनता में असंतोष बढ़ रहा है। सरकार इस असंतोष को दूर करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है।

राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में प्रगति

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपने राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को तेजी से विस्तार दिया है। 2020-21 में 13,435.4 किमी, 2021-22 में 10,457.2 किमी, 2022-23 में 10,331 किमी और 2023-24 में 12,349 किमी के राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत सरकार सड़क नेटवर्क को लगातार बढ़ाने के प्रयासों में जुटी है, जिससे यातायात सुगम हो और देश की आर्थिक प्रगति में भी योगदान हो।

प्रोजेक्ट्स को मंजूरी और भूमि अधिग्रहण की शर्तें

नितिन गडकरी ने बताया कि भारत माला परियोजना के तहत मंत्रालय को 3,000 करोड़ तक के हाईवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देने का अधिकार प्राप्त था, लेकिन अब 1,000 करोड़ से अधिक की किसी भी परियोजना को कैबिनेट की मंजूरी की आवश्यकता होती है। मंत्रालय ने 50,000 से 60,000 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स के लिए कैबिनेट को प्रस्ताव भेजा है। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इन परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

एक अंतर-मंत्रालयी पैनल ने सुझाव दिया है कि किसी भी हाईवे प्रोजेक्ट को तभी मंजूर किया जाए, जब 90% भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो। इस प्रक्रिया से प्रोजेक्ट्स में देरी को कम करने और उनकी समय पर पूर्णता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

नई टोल नीति से जुड़े मुख्य बिंदु:

  • एक समान टोल नीति पर काम
  • यात्रियों को सुविधा और टोल असमानता का समाधान
  • भारत की हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर में प्रगति
  • भूमि अधिग्रहण के बाद ही प्रोजेक्ट्स को मंजूरी

सरकार के इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना और सड़क यात्रा को सरल और सुविधाजनक बनाना है। नई टोल नीति लागू होने के बाद, यात्रियों को टोल के संबंध में एक समान और पारदर्शी प्रणाली का लाभ मिलेगा।


बालकृष्ण साहू - सोर्स विभिन्न न्यूज़ आर्टिकल