Khabarworld24.com -मध्य प्रदेश में आज गुरुवार, 30 जनवरी 2025 को लगभग 34,000 निजी स्कूल बंद रहेंगे। यह कदम एमपी बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा उठाया गया है, जो राज्य में शैक्षिक नीतियों और सरकार की कथित अनदेखी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का हिस्सा है। एसोसिएशन का कहना है कि सरकार की नीतियों ने प्राइवेट स्कूलों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया है और छात्रों की शिक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है।

विरोध के मुख्य कारण

  1. सरकारी नीतियों से असहमति: प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का आरोप है कि राज्य सरकार की नीतियों में उनके हितों की उपेक्षा की गई है। विशेष रूप से सरकारी स्कूलों को दी जा रही आर्थिक सहायता और अन्य सुविधाओं को लेकर प्राइवेट स्कूलों में असंतोष है, जबकि उन्हें सरकार से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है।

  2. शुल्क नियंत्रण और अन्य नियम: एसोसिएशन का यह भी कहना है कि सरकार द्वारा लगाए गए शुल्क नियंत्रण नियमों के कारण निजी स्कूलों की वित्तीय स्थिति कमजोर हो गई है। इन नियमों के तहत स्कूलों को सीमित शुल्क वसूलने की अनुमति है, जिससे स्कूलों के दैनिक संचालन और शिक्षकों की सैलरी देने में मुश्किलें हो रही हैं।

  3. मान्यता और मानकों से संबंधित कठिनाइयाँ: एसोसिएशन के अनुसार, मान्यता प्रक्रिया और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पूरा करने में प्राइवेट स्कूलों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार द्वारा लगाई गई शर्तें प्राइवेट स्कूलों के लिए अत्यधिक कठोर हैं, जिससे उन्हें अपने मानकों को बनाए रखने में परेशानी हो रही है।

आकड़ों के आधार पर विरोध

  • मध्य प्रदेश में कुल लगभग 40,000 निजी स्कूल हैं, जिनमें से 85% स्कूल एमपी बोर्ड से संबद्ध हैं।
  • इन स्कूलों में लगभग 50 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
  • प्राइवेट स्कूलों का दावा है कि सरकार की नीतियों के कारण पिछले दो सालों में लगभग 15% प्राइवेट स्कूलों को स्थायी रूप से बंद करना पड़ा है।
  • 2024 में प्राइवेट स्कूलों की संख्या में 5% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि सरकारी स्कूलों की संख्या में 7% की वृद्धि हुई है।

छात्रों और अभिभावकों पर असर

इस हड़ताल से छात्रों की पढ़ाई पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर उन छात्रों पर जो बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। अभिभावकों को भी इस स्थिति से काफी परेशानी हो रही है, क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंता हो रही है। कई छात्रों के अभिभावक इस फैसले से नाखुश हैं, लेकिन कुछ ने प्राइवेट स्कूलों के समर्थन में भी अपनी आवाज उठाई है।

सरकार की प्रतिक्रिया

मध्य प्रदेश सरकार ने इस हड़ताल को अवैध घोषित किया है और स्कूलों को तत्काल खोलने का आदेश दिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के मुद्दों को सुलझाने के लिए वार्ता की पेशकश की है, लेकिन एसोसिएशन ने इसे अस्वीकार कर दिया। सरकार का दावा है कि उनकी नीतियाँ छात्रों और शिक्षा के हित में हैं, और वह किसी भी प्रकार के अनुचित दबाव को स्वीकार नहीं करेगी।

संभावित समाधान

विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बीच संवाद से ही इस समस्या का हल निकल सकता है। यदि सरकार प्राइवेट स्कूलों की मांगों को ध्यान में रखते हुए कुछ नियमों में बदलाव करती है, तो दोनों पक्षों के बीच संतुलन स्थापित हो सकता है।

निष्कर्ष
मध्य प्रदेश में 34 हजार स्कूलों का बंद होना राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर मुद्दा है। इस विरोध से न केवल स्कूल प्रशासन और शिक्षकों को नुकसान हो रहा है, बल्कि छात्रों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बीच क्या समाधान निकलता है।

बालकृष्ण साहू - सोर्स विभिन्न आर्टिकल्स