Khabarworld24.com -जगदलपुर। नारायणपुर जिले के गढ़बेंगाल गाँव का नाम एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया है। गोड मुरिया जनजाति के प्रसिद्ध काष्ठकला (लकड़ी पर कला) के कलाकार पंडीराम मंडावी को प्रतिष्ठित पद्मश्री सम्मान के लिए चुना गया है। पंडीराम मंडावी का नाम कला के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्टता और जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए सराहा गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण बताते हुए कहा कि मंडावी का चयन छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति को विश्व मंच पर उजागर करता है।
पंडीराम मंडावी का परिवार पहले भी चर्चित रहा है। उनके भाई चेदरू पर 40-50 साल पहले एक फिल्म बनाई गई थी, जिसमें वह शेर से लड़ते नजर आए थे। अब, मंडावी ने अपनी काष्ठकला को विदेशों तक पहुँचाकर छत्तीसगढ़ और जनजातीय कला को वैश्विक पहचान दिलाई है। नवंबर 2024 में उन्हें उपराष्ट्रपति के हाथों राजधानी रायपुर में राज्य अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, और अब उनके नाम का चयन पद्मश्री के लिए हो गया है।
पंडीराम मंडावी की उपलब्धियाँ
पंडीराम मंडावी ने काष्ठकला में अद्वितीय योगदान दिया है। उन्होंने अपनी कला से न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश और विदेशों में भी पहचान बनाई है। उनका काम जनजातीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ा हुआ है और उन्होंने अपने कारीगरी के माध्यम से इसे संरक्षित और प्रसारित किया है। उनकी कला में पारंपरिक और आधुनिक शैली का अद्भुत समावेश है, जिसे कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सराहा गया है।
139 हस्तियों को पद्म पुरस्कार
इस बार 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कुल 139 प्रतिष्ठित लोगों को पद्म पुरस्कार से नवाजा गया। इनमें पूर्व प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, सुजुकी के प्रमुख रहे (दिवंगत) ओसामु सुजुकी, लोक गायिका (दिवंगत) शारदा सिन्हा, और पूर्व क्रिकेटर आर अश्विन जैसे बड़े नाम शामिल हैं। पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है, जो विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को प्रदान किया जाता है। इनमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण, और पद्मश्री शामिल हैं।
आकड़े
- कुल पद्म पुरस्कार: 139
- पद्म विभूषण: 6
- पद्म भूषण: 9
- पद्मश्री: 124
छत्तीसगढ़ के लिए विशेष क्षण
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, "यह छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण है कि हमारी संस्कृति और कला को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल रही है। पंडीराम मंडावी का पद्मश्री सम्मान जनजातीय कला के प्रति उनके समर्पण का प्रमाण है। यह सम्मान हमारे युवाओं को भी प्रेरित करेगा।"
निष्कर्ष
पंडीराम मंडावी का पद्मश्री के लिए चयन छत्तीसगढ़ और गोड मुरिया जनजाति के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उनके योगदान ने न केवल उनकी कला को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है, बल्कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर किया है।
बालकृष्ण साहू - सोर्स विभिन्न आर्टिकल्स