Khabarworld24.com - हाल ही में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती नजदीकियों ने भारत को सतर्क कर दिया है। 21 जनवरी 2025 को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एक उच्च अधिकारी ने गुप्त रूप से बांग्लादेश की राजधानी ढाका का दौरा किया। इस दौरे को लेकर भारत ने चिंता जाहिर की है और स्पष्ट किया है कि वह स्थिति पर नज़र बनाए हुए है। भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि उचित कदम उठाए जाएंगे ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न हो।
दौरे की पृष्ठभूमि
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच हाल के वर्षों में रिश्तों में बदलाव देखा गया है। हालांकि बांग्लादेश ने 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर स्वतंत्रता हासिल की थी, परंतु कुछ मुद्दों पर दोनों देशों के बीच कूटनीतिक गतिविधियों में गर्माहट बढ़ती देखी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, ISI के अधिकारी का यह दौरा इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच व्यापार, सैन्य और खुफिया सहयोग में वृद्धि देखी जा रही है, जो भारत के लिए चिंताजनक है।
ढाका दौरे का उद्देश्य
ISI अधिकारी के गुप्त दौरे का उद्देश्य अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यह दौरा बांग्लादेश के अंदर पाकिस्तान के खुफिया और कूटनीतिक हितों को बढ़ाने के लिए हो सकता है। इसके अलावा, सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यह दौरा बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सुरक्षा और सैन्य सहयोग बढ़ाने की दिशा में हो सकता है, जो भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत इस घटनाक्रम पर नज़र बनाए हुए है। भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा से जुड़े किसी भी मुद्दे पर सरकार पूरी तरह सतर्क है और हर तरह के खतरों से निपटने के लिए तैयार है। भारत बांग्लादेश के साथ पारंपरिक रूप से अच्छे संबंध साझा करता है, और इस प्रकार की गतिविधियां भारत के लिए चिंता का विषय बन सकती हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हम अपनी सुरक्षा के प्रति सजग हैं और किसी भी असामान्य गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। अगर कोई भी कदम हमारे हितों के खिलाफ होगा, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।" भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपनी कूटनीतिक और सैन्य रणनीति को सतर्कता के साथ आगे बढ़ाएगा ताकि क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखा जा सके।
भारत-बांग्लादेश संबंधों का महत्व
भारत और बांग्लादेश के रिश्ते ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ रहे हैं। 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की निर्णायक भूमिका रही थी, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच मजबूत कूटनीतिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध बने हुए हैं। हाल के वर्षों में दोनों देशों ने सीमा सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग, और जल संसाधनों के बंटवारे जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत के लिए बांग्लादेश एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश है, क्योंकि यह दक्षिण एशिया में चीन और पाकिस्तान के प्रभाव को संतुलित करने में मदद करता है। इसलिए, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती नजदीकियां भारत के लिए संभावित चिंता का विषय बन सकती हैं।
पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों में नया मोड़
हाल के वर्षों में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंधों में एक नया मोड़ आया है। 2023 में बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंधों में वृद्धि हुई थी, और दोनों देशों के नेताओं के बीच कई कूटनीतिक मुलाकातें हुईं। हालांकि, बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने हमेशा भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने पर जोर दिया है, लेकिन हालिया घटनाओं ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
भविष्य की स्थिति पर नजर
आने वाले समय में पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंधों पर कड़ी निगरानी रखना जरूरी है। अगर यह नजदीकियां और बढ़ती हैं, तो यह दक्षिण एशिया की रणनीतिक स्थिरता पर असर डाल सकती है। भारत, बांग्लादेश के साथ अपने ऐतिहासिक और मजबूत रिश्तों को ध्यान में रखते हुए, इन घटनाओं का जवाब देने की योजना बना रहा है।
इस प्रकार, पाकिस्तान के ISI अधिकारी का यह गुप्त दौरा क्षेत्रीय सुरक्षा और कूटनीति में नए आयाम जोड़ सकता है। भारत ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए अपने कदम उठाने का संकेत दिया है, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय स्थिरता भी बनी रहे।
सांख्यिकी और क्षेत्रीय संदर्भ
- भारत-बांग्लादेश व्यापार: भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2024 में लगभग $16 बिलियन था।
- सैन्य सहयोग: भारत ने 2023 में बांग्लादेश को 500 मिलियन डॉलर की रक्षा रियायत दी, जिससे सैन्य संबंध और प्रगाढ़ हुए।
- कूटनीतिक मुलाकातें: 2023 में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच 3 उच्च स्तरीय कूटनीतिक बैठकें हुईं।
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह दक्षिण एशिया में किसी भी नकारात्मक प्रभाव को रोकने के लिए तैयार है और भविष्य की गतिविधियों पर अपनी नज़र बनाए रखेगा।
बालकृष्ण साहू - सोर्स विभिन्न आर्टिकल्स