Khabarworld24.com -मध्य प्रदेश सरकार ने शुक्रवार (24 जनवरी) को महेश्वर (खरगोन) में आयोजित कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लिए। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राज्य के 18 धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही, नई आबकारी नीति पर भी बड़े बदलावों की घोषणा की गई। यह कदम प्रदेश में शराब की खपत को नियंत्रित करने और धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।

18 धार्मिक शहरों में शराबबंदी का निर्णय

कैबिनेट के इस बड़े फैसले के तहत मध्य प्रदेश के 18 धार्मिक शहरों में पूर्ण शराबबंदी लागू की जाएगी। इन शहरों में प्रमुख धार्मिक स्थल हैं, जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। शराबबंदी का उद्देश्य इन स्थानों को अधिक सुरक्षित और धार्मिक वातावरण प्रदान करना है। जिन शहरों में शराबबंदी लागू की गई है, उनमें प्रमुख रूप से उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, चित्रकूट, अमरकंटक, और दतिया शामिल हैं।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "धार्मिक स्थलों की पवित्रता और आध्यात्मिकता को बनाए रखने के लिए यह निर्णय आवश्यक था। इन शहरों में शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी।"

नई आबकारी नीति के तहत अन्य फैसले:

कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति पर भी चर्चा हुई और कई बड़े फैसले लिए गए। इन फैसलों के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:

  1. शराब की दुकानों की संख्या में कटौती: प्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या को सीमित करने का निर्णय लिया गया है। राज्यभर में 300 से अधिक शराब की दुकानें बंद की जाएंगी। इससे शराब की उपलब्धता पर नियंत्रण रखा जा सकेगा और शराब की खपत कम होगी।

  2. शराब के दामों में वृद्धि: नई नीति के तहत शराब के दामों में 10% की वृद्धि की जाएगी, ताकि शराब की खपत को हतोत्साहित किया जा सके। सरकार का मानना है कि इस वृद्धि से शराब की अनावश्यक खपत पर नियंत्रण लगेगा।

  3. शराब के सेवन को लेकर सख्त नियम: शराब पीने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर रोक लगाई गई है। जो लोग शराब पीते हुए पकड़े जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

  4. राजस्व में वृद्धि: सरकार का अनुमान है कि आबकारी नीति में किए गए इन बदलावों से राजस्व में 15% की वृद्धि होगी। शराब के दामों में बढ़ोतरी और दुकानों की संख्या में कटौती के बावजूद, नियंत्रित बिक्री के माध्यम से राज्य को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।

प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

शराबबंदी और नई आबकारी नीति के फैसले का प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ेगा। पिछले वर्ष, राज्य सरकार ने आबकारी विभाग से लगभग ₹9,500 करोड़ का राजस्व अर्जित किया था। सरकार ने संकेत दिया है कि शराब की दुकानों की संख्या में कमी और शराब के दामों में बढ़ोतरी के बावजूद, यह निर्णय दीर्घकालिक रूप से सामाजिक और आर्थिक लाभ प्रदान करेगा।

प्रतिक्रियाएँ:

इस निर्णय पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया है, जबकि शराब उद्योग से जुड़े व्यापारी वर्ग ने इस पर चिंता व्यक्त की है। सरकार के इस फैसले से प्रभावित शहरों में शराब विक्रेताओं और होटल व्यवसायियों के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी हो सकती हैं।

निष्कर्ष:

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महेश्वर में लिए गए इस ऐतिहासिक फैसले ने राज्य की आबकारी नीति में बड़े बदलाव किए हैं। 18 धार्मिक शहरों में शराबबंदी से राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही, नई आबकारी नीति से राजस्व में सुधार और शराब की खपत पर नियंत्रण के उद्देश्य को साधने की कोशिश की गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव का यह कदम सामाजिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।


मुख्य बिंदु:

  1. 18 धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू।
  2. 300 शराब की दुकानों को बंद करने का निर्णय।
  3. शराब के दामों में 10% वृद्धि
  4. शराब की सार्वजनिक खपत पर रोक और सख्त नियम।
  5. राजस्व में 15% वृद्धि की संभावना।

बालकृष्ण साहू - सोर्स विभिन्न आर्टिकल्स