Khabarworld24.com - भारत में गुटखा और तंबाकू उत्पादों का उत्पादन और सेवन बहुत व्यापक है, और इसका आर्थिक, स्वास्थ्य और सामाजिक प्रभाव गहरा है। यहां मैं गुटखा और तंबाकू से संबंधित प्रमुख आंकड़े, भारत में इनका सेवन, इनसे सरकार को मिलने वाली आय, और इससे होने वाले स्वास्थ्य मुद्दों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत कर रहा हूं।
1. गुटखा और तंबाकू ब्रांडों की संख्या और प्रकार:
के प्रमुख ब्रांडों की सूची तालिका के रूप में प्रस्तुत की गई है:
क्रम संख्या | ब्रांड का नाम | उत्पाद का प्रकार | प्रमुख उत्पाद |
---|---|---|---|
1 | विमल पान मसाला | गुटका | विमल गुटका |
2 | राजश्री पान मसाला | गुटका | राजश्री गुटका |
3 | रजनीगंधा पान मसाला | गुटका | रजनीगंधा |
4 | तिरंगा पान मसाला | गुटका | तिरंगा गुटका |
5 | माचा पान मसाला | गुटका | माचा गुटका |
6 | मणिकचंद पान मसाला | गुटका | मणिकचंद |
7 | कमला पसन्द पान मसाला | गुटका | कमला पसन्द |
8 | गोवा गुटका | गुटका | गोवा गुटका |
9 | मोती गुटका | गुटका | मोती गुटका |
10 | बीना पान मसाला | गुटका | बीना गुटका |
11 | बाबा एला चींग तंबाकू | तंबाकू | बाबा एला चींग |
12 | जर्दा 120 | तंबाकू | जर्दा 120 |
13 | विमल तंबाकू | तंबाकू | विमल तंबाकू |
14 | हंसराज तंबाकू | तंबाकू | हंसराज |
15 | तुलसी जर्दा | तंबाकू | तुलसी जर्दा |
16 | शिखर तंबाकू | तंबाकू | शिखर |
17 | गोल्डन बाबाजी | तंबाकू | गोल्डन बाबाजी |
18 | पायल तंबाकू | तंबाकू | पायल तंबाकू |
19 | झंडू पान मसाला | गुटका | झंडू गुटका |
20 | राजदार तंबाकू | तंबाकू | राजदार |
- भारत में 100 से अधिक ब्रांड गुटखा और तंबाकू उत्पादों का निर्माण करते हैं। इनमें से कई ब्रांड अलग-अलग राज्यों में लोकप्रिय हैं। उदाहरण के तौर पर, विमल, रजनीगंधा, राजश्री, मणिकचंद, और कमला पसंद जैसे प्रमुख ब्रांड भारत के कई हिस्सों में लोकप्रिय हैं।
- गुटखा और तंबाकू उत्पादों के प्रकार में पान मसाला, जर्दा, खैनी, बीड़ी, सिगरेट, हुक्का तंबाकू आदि आते हैं। इनके विभिन्न प्रकार और मिश्रण से अलग-अलग ब्रांड बाजार में अपना स्थान बनाए रखते हैं।
2. गुटखा और तंबाकू उद्योग की आय:
- भारत में गुटखा और तंबाकू उद्योग की आय का अनुमान ₹50,000 करोड़ से ₹60,000 करोड़ प्रति वर्ष है। इसमें गुटखा, तंबाकू, बीड़ी, और सिगरेट उद्योग शामिल हैं।
- गुटखा और पान मसाला का व्यवसाय काफी बड़ा है, जिसमें अकेले गुटखा उद्योग की आय का अनुमान ₹10,000 करोड़ से ₹15,000 करोड़ तक है।
3. सरकार को टैक्स और राजस्व:
- भारत सरकार को तंबाकू और गुटखा उद्योग से प्रतिवर्ष ₹30,000 करोड़ से अधिक की आय होती है। यह आय विभिन्न करों के माध्यम से होती है जैसे उत्पाद शुल्क (excise duty), वस्तु एवं सेवा कर (GST), और अन्य स्थानीय टैक्स।
- तंबाकू उत्पादों पर 28% GST लगाया जाता है, और इसके साथ-साथ स्वास्थ्य उपकर (cess) भी जोड़ा जाता है, जिससे इन उत्पादों की कीमत बढ़ जाती है। इस टैक्स का बड़ा हिस्सा तंबाकू नियंत्रण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों के लिए उपयोग किया जाता है।
4. गुटखा और तंबाकू का सेवन:
- भारत में रोजाना 20 करोड़ से अधिक लोग तंबाकू और गुटखा का सेवन करते हैं, जो कुल जनसंख्या का लगभग 28% है। इनमें से कई लोग धूम्रपान न करने वाले तंबाकू उत्पाद (जैसे गुटखा, खैनी) का उपयोग करते हैं।
- एक अनुमान के अनुसार, हर दिन लगभग 2 करोड़ से अधिक लोग गुटखा और 8 करोड़ लोग अन्य प्रकार के तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं।
5. तंबाकू और गुटखा के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान:
- भारत में हर साल लगभग 10 लाख मौतें तंबाकू उत्पादों के सेवन से होती हैं, जिनमें से कई मुंह के कैंसर और फेफड़ों की बीमारियों से जुड़ी होती हैं।
- तंबाकू और गुटखा का सेवन कैंसर, हृदय रोग, और श्वास संबंधी बीमारियों का मुख्य कारण है।
- Global Adult Tobacco Survey (GATS) 2016-17 के अनुसार, भारत में तंबाकू का सेवन करने वाले 35% लोग 15 से 24 साल की आयु के बीच आते हैं, जो एक चिंताजनक आंकड़ा है।
6. तंबाकू और गुटखा की उत्पादन और खपत के आंकड़े:
- तंबाकू की उत्पादन क्षमता के मामले में, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। तंबाकू की खेती मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, और महाराष्ट्र में होती है।
- हर साल भारत में तंबाकू की खपत लगभग 2,60,000 मीट्रिक टन होती है। इसमें से बड़ी मात्रा गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों के निर्माण के लिए उपयोग की जाती है।
7. तंबाकू और गुटखा पर प्रतिबंध और नियंत्रण:
- भारत में कई राज्यों में गुटखा और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया है। विशेषकर गुटखा पर कई राज्यों ने स्वास्थ्य कारणों से प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन अवैध रूप से इसका व्यापार जारी है।
- 2011 में भारत सरकार ने COTPA (Cigarettes and Other Tobacco Products Act) लागू किया, जिसके तहत तंबाकू उत्पादों पर विज्ञापन, बिक्री और सेवन पर सख्त नियम लागू किए गए।
निष्कर्ष:
तंबाकू और गुटखा का सेवन भारत में एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है, जो हर साल लाखों जिंदगियों को प्रभावित करता है। हालांकि इस उद्योग से सरकार को भारी राजस्व मिलता है, लेकिन इससे होने वाले स्वास्थ्य नुकसान के चलते तंबाकू के सेवन पर कड़े नियंत्रण की आवश्यकता है। सरकारी नीतियां और जागरूकता कार्यक्रम लोगों को तंबाकू उत्पादों से दूर रखने में मदद कर रहे हैं, लेकिन इन उत्पादों का सेवन अभी भी एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।