khbarworld24- सरकार ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL), और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) को 35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने की योजना बनाई है, जिससे 2024-25 वित्त वर्ष में रसोई गैस (एलपीजी) की बिक्री पर हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। इस योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं पर बढ़ते कच्चे तेल की कीमतों के प्रभाव को कम करना है, जबकि तीनों कंपनियों द्वारा मार्च 2024 से घरेलू एलपीजी की कीमत को स्थिर बनाए रखने के कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
नुकसान की भरपाई के लिए सहायता
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, तीनों तेल विपणन कंपनियों को घरेलू एलपीजी की बिक्री पर लगभग 40,500 करोड़ रुपये का नुकसान (अंडर-रिकवरी) हुआ है। यह नुकसान तब हुआ, जब कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद 14.2 किलोग्राम के घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 803 रुपये प्रति सिलेंडर पर स्थिर रखी गई थी। एलपीजी की कीमत में इस स्थिरता का उद्देश्य आम जनता को बढ़ते तेल की कीमतों से बचाना था, लेकिन इससे इन कंपनियों के लिए भारी वित्तीय घाटा हुआ।
दो साल में सब्सिडी वितरण
सरकार ने इस नुकसान की भरपाई के लिए दो सालों के लिए कुल 35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने की योजना बनाई है। चालू वित्त वर्ष (2024-25) में 10,000 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे, जबकि शेष 25,000 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष (2025-26) में दिए जाएंगे। यह प्रावधान आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 में शामिल किया जाएगा, ताकि कंपनियों को राहत दी जा सके और उनके घाटे को आंशिक रूप से कम किया जा सके।
सब्सिडी के वितरण का असर
इस सहायता से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी, जबकि उपभोक्ताओं को भी घरेलू गैस की कीमतों में वृद्धि से बचाया जाएगा। हालांकि, इस सब्सिडी के बावजूद, कंपनियों को बाजार में ईंधन की कीमतों के उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता हो सकती है।
पिछले वर्ष का परिदृश्य
पिछले कुछ वर्षों में, कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक वृद्धि ने भारतीय तेल विपणन कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां उत्पन्न की हैं। इस संदर्भ में, एलपीजी की कीमतें स्थिर रखने का निर्णय उपभोक्ताओं के लिए राहतकारी साबित हुआ, लेकिन इससे कंपनियों की आय में गिरावट आई।
निष्कर्ष
सरकार की यह योजना तीनों कंपनियों के लिए राहत लेकर आएगी, जिससे वे वित्तीय नुकसान से उबर सकेंगी। साथ ही, घरेलू गैस के उपयोगकर्ताओं को कीमतों में बढ़ोतरी से बचाने का प्रयास जारी रहेगा। सब्सिडी के रूप में मिलने वाली यह सहायता सरकार और जनता दोनों के लिए एक संतुलन बनाने का प्रयास है, जिसमें आम उपभोक्ता और देश की प्रमुख तेल कंपनियों के हितों की रक्षा की जाएगी।
balkrishna sahu