khabarworld24.com -भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में सरकार की आय के स्रोत विविध हैं। इनमें से एक प्रमुख स्रोत शराब और तंबाकू उत्पादों पर लगने वाले टैक्स हैं। इस आय का महत्वपूर्ण हिस्सा केंद्र और राज्य सरकारों को मिलता है, जिससे वे अपनी विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यों को वित्त पोषित करते हैं।

शराब और तंबाकू से सरकार की कमाई:

भारत में शराब और तंबाकू उत्पादों पर भारी कर लगाए जाते हैं। यह कर उत्पाद शुल्क (excise duty) और वैट (Value Added Tax) के रूप में होता है, जो केंद्र और राज्य सरकारों के लिए एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत है।

1. शराब से होने वाली आय:

2023-24 के बजट आंकड़ों के अनुसार, शराब पर लगाए गए कर से राज्य सरकारों को लगभग ₹1.75 लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। यह राशि राज्य सरकारों की कुल आय का 15% से अधिक हो सकता है।

  • प्रमुख राज्य और उनकी शराब से होने वाली आय:
    • उत्तर प्रदेश: ₹35,000 करोड़ (2023-24)
    • महाराष्ट्र: ₹25,000 करोड़
    • कर्नाटक: ₹21,000 करोड़

2. तंबाकू से होने वाली आय:

भारत में तंबाकू उत्पादों पर सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, गुटखा आदि पर भी उच्च कर लगाए जाते हैं। तंबाकू उद्योग से केंद्र और राज्य सरकारों को बड़ी मात्रा में कर मिलता है।

  • 2022-23 में सिगरेट और तंबाकू उत्पादों से कुल उत्पाद शुल्क: ₹53,000 करोड़
  • GST राजस्व: तंबाकू उत्पादों पर लगने वाले 28% GST के साथ-साथ अतिरिक्त उपकर (cess) से भी सरकार को भारी आय होती है। अनुमान है कि इससे ₹40,000 करोड़ से अधिक का योगदान हुआ।

शराब और तंबाकू पर भारी कर का प्रभाव:

  1. स्वास्थ्य समस्याएं: शराब और तंबाकू के अत्यधिक सेवन से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जैसे कैंसर, हृदय रोग, और लिवर रोग। इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी बोझ पड़ता है।

  2. समाज पर प्रभाव: शराब और तंबाकू के सेवन से सामाजिक समस्याएं भी बढ़ती हैं, जैसे पारिवारिक हिंसा, अपराध, और उत्पादकता में कमी।

  3. संसाधनों की खपत: इन उद्योगों को बनाए रखने के लिए भारी संसाधन खपत होती है, जो स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश को कम कर सकती है।

सरकार की योजनाओं और कदम:

  1. कर की दरें बढ़ाना: कई राज्य सरकारें शराब और तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाकर अतिरिक्त राजस्व जुटाने का प्रयास करती हैं, जो विशेषकर कोविड-19 के बाद अधिक दिखा।

  2. विकल्प पर ध्यान: केंद्र और राज्य सरकारें अब स्वास्थ संबंधी जागरूकता बढ़ाने और स्वस्थ जीवनशैली के लिए प्रोत्साहन देने पर भी ध्यान दे रही हैं। तंबाकू और शराब की खपत को कम करने के लिए प्रचार अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

निष्कर्ष:

हालांकि शराब और तंबाकू उत्पादों से भारत की सरकार को बड़ी मात्रा में आय प्राप्त होती है, लेकिन इसके नकारात्मक सामाजिक और स्वास्थ्य प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। दीर्घकालिक दृष्टिकोण में, सरकार को अपने राजस्व मॉडल को और अधिक स्थायी और स्वस्थ स्रोतों की ओर केंद्रित करना चाहिए।

आंकड़े स्रोत: 2023-24 के केंद्रीय और राज्य बजट दस्तावेज, एक्साइज और जीएसटी रिपोर्ट


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