हिंदू धर्म में नारियल को बहुत ही शुभ माना जाता है और पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान, शादी-विवाह, तिलक या किसी शुभ काम में नारियल जरूर होता है। नारियल को श्रीफल भी कहते हैं, जोकि पवित्र फल माना जाता है।
यही कारण है कि शुभ और धार्मिक कार्यों में नारियल का प्रयोग किया जाता है। लेकिन दादी-नानी अक्सर यह कहती है कि महिलाओं को नारियल नहीं फोड़ना चाहिए। क्या आप जानते हैं कि आखिर दादी-नानी ऐसा क्यों कहती हैं। महिलाओं का नारियल फोड़ना क्यों है वर्जित और क्या है इसके पीछे की वजह, आइए जानते हैं।
दादी-नानी की ये बातें आपको कुछ समय के लिए अटपटी या फिर मिथक लग सकती है। लेकिन शास्त्र और विज्ञान में इसके कारण और इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया है। अगर आप दादी-नानी की बताई बातों को फॉलो करेंगे तो सुखी रहेंगे और भविष्य में होनी वाली अशुभ घटना से बच जाएंगे। आइए जानते हैं आखिर क्यों दादी-नानी महिलाओं नारियल तोड़ने या फोड़ने से मना करती हैं।
महिलाओं को क्यों नहीं तोड़ना चाहिए नारियल
सनातन धर्म में यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है कि, पूजा-पाठ या कभी भी नारियल केवल पुरुष ही फोड़ते हैं, महिला नहीं। इसका कारण यह है कि भले ही नारियल कितना भी शुभ क्यों न हो लेकिन इसे बलि का प्रतीक माना जाता है। वहीं शास्त्रों में नारियल को एक बीज माना जाता है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि जब कोई महिला नारियल फोड़ती है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव उसके गर्भाशय पड़ता है। क्योंकि जब शिशु गर्भ में होता है तो वह भी बीज के समान ही होता है। यही काण है कि महिलाएं कभी भी नारियल नहीं फोड़ती है। ऐसा करने से उसके संतान या फिर गर्भाशय में समस्याएं हो सकती है। इन्हीं कारणों से हिंदू धर्म में महिलाओं द्वारा नारियल फोड़ना वर्जित माना गया है।
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महिलाओं को नहीं तोड़ना चाहिए नारियल, ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी
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