khabarworld24.com - छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनाव के लिए राज्य सरकार ने प्रत्याशियों के खर्च की सीमा तय कर दी है। राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है, जिसके तहत प्रत्याशियों के चुनावी खर्च पर अलग-अलग निकायों के अनुसार सीमाएं निर्धारित की गई हैं। चुनाव की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग की तैयारियां जोरों पर हैं।

खर्च की सीमा:

  1. नगर पंचायत चुनाव:

    • प्रत्याशी को अधिकतम 75,000 रुपये खर्च करने की अनुमति है।
  2. नगर पालिका परिषद चुनाव:

    • प्रत्याशी अधिकतम 2 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे।
  3. नगर निगम चुनाव:

    • निगम क्षेत्रों में प्रत्याशियों के लिए दो श्रेणियां बनाई गई हैं:
      • 3 लाख से कम जनसंख्या वाले निगम: खर्च की सीमा 5 लाख रुपये।
      • 3 लाख से अधिक जनसंख्या वाले निगम: खर्च की सीमा 8 लाख रुपये।

चुनावी तैयारी तेज़

नगरीय निकायों के चुनावों की तारीखें भले ही अभी घोषित नहीं हुई हों, लेकिन चुनावी तैयारी राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार द्वारा तेजी से की जा रही है। चुनाव से पहले आरक्षण प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
हाल ही में निगमों में मेयर और पालिकाओं में अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके तहत विभिन्न निकायों के वार्डों में महिलाओं और अन्य आरक्षित वर्गों के लिए आरक्षण निर्धारित किया जाएगा।

आरक्षण प्रक्रिया

राज्य के निकाय चुनावों में महिलाओं और आरक्षित वर्गों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से आरक्षण प्रक्रिया लागू की गई है। प्रत्येक वार्ड में यह देखा जा रहा है कि किस तरह महिलाओं और आरक्षित वर्गों को अधिक प्रतिनिधित्व दिया जा सके।

राज्य निर्वाचन आयोग का निर्णय

राज्य निर्वाचन आयोग ने खर्च सीमा के संबंध में यह स्पष्ट किया है कि यह निर्णय चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और समतुल्यता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे प्रत्याशियों पर अनावश्यक वित्तीय दबाव कम होगा और चुनाव में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। आरक्षण प्रक्रिया और खर्च सीमा को लेकर राज्य सरकार के फैसले से साफ है कि आगामी चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर दिया जा रहा है।


खबर वर्ल्ड24-बालकृष्ण साहू-छत्तीसगढ़