khabarworld24.com - छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में राज्य के लिए एक ईको-रेस्टोरेशन पॉलिसी तैयार करने की दिशा में कदम उठाए हैं। यह कदम राज्य के पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के लिए एक ठोस प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप के अनुसार, यह नीति छत्तीसगढ़ को देश में एक नई पहचान दिलाने के साथ-साथ राज्य के वन क्षेत्र और पारिस्थितिकी तंत्र को सुधारने में मदद करेगी। केरल के बाद छत्तीसगढ़ दूसरा राज्य होगा जो इस प्रकार की पॉलिसी बना रहा है।
ईको-रेस्टोरेशन का उद्देश्य:
ईको-रेस्टोरेशन का मुख्य उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र के नवीनीकरण और संरक्षण को बढ़ावा देना है। यह पहल राज्य के वन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के साथ-साथ जैव विविधता की सुरक्षा पर केंद्रित होगी। इस नीति के माध्यम से सरकार सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने की कोशिश करेगी।
आंकड़ों के अनुसार:
- वन क्षेत्र में कमी: छत्तीसगढ़ के वन सर्वेक्षण 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में पिछले कुछ वर्षों में वन क्षेत्र में 1.5% की गिरावट दर्ज की गई है, जो राज्य के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए चिंता का विषय है।
- जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: पिछले दशक में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में तापमान में औसतन 1.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है, जिससे वन्य जीवन और जैव विविधता को नुकसान हुआ है।
- बायोडायवर्सिटी: छत्तीसगढ़ के कुल भूभाग का 44% भाग वन क्षेत्र है, जिसमें लगभग 12,000 प्रकार की वनस्पतियाँ और 1,400 प्रकार के जीव पाए जाते हैं। यह नीति इन जैव विविधताओं की सुरक्षा में मदद करेगी।
भारत की भूमिका और वैश्विक पहल:
छत्तीसगढ़ की यह पहल भारत की ग्लोबल रेस्टोरेशन इनिशिएटिव, बॉन चैलेंज और संयुक्त राष्ट्र ईको-रेस्टोरेशन दशक के साथ भी जुड़ी हुई है। भारत इन पहल में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहा है, और छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम इस दिशा में राज्य के योगदान को मजबूत करेगा।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश:
2021 में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्देश के तहत एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया, जिसने राज्य सरकार को ईको-रेस्टोरेशन को प्राथमिकता देने की सिफारिश की थी। यह नीति उसी सिफारिश के तहत लागू की जा रही है, ताकि राज्य के पर्यावरणीय संसाधनों का समुचित प्रबंधन और संरक्षण हो सके।
छत्तीसगढ़ सरकार की यह नीति न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी, बल्कि यह राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
खबर वर्ल्ड24-बालकृष्ण साहू-छत्तीसगढ़ -