khabarworld24.com -प्रयागराज में आगामी कुंभ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा, और इसे डिजिटल रूप से अधिक सशक्त बनाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं। इस बार कुंभ में विशेष तौर पर 40 हजार बिजली के खंभों पर एक खास डिवाइस लगाई जाएगी, जिससे बिजली जाने के बावजूद अंधेरा नहीं होगा।
डिजिटल कुंभ की दिशा में बड़ा कदम
सरकार कुंभ को "डिजिटल कुंभ" के रूप में प्रोत्साहित कर रही है। इस पहल के तहत कुंभ मेला में कई विभागों द्वारा डिजिटल तकनीक का व्यापक इस्तेमाल किया जाएगा। बिजली विभाग भी इसमें अहम भूमिका निभा रहा है, जो मेले में लगे लगभग 40,000 बिजली के खंभों की जीओ टैगिंग और उन पर क्यूआर कोड लगाने की तैयारी कर रहा है।
क्यूआर कोड के जरिए शिकायत दर्ज करने की सुविधा
बिजली विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी श्रद्धालु, साधु-संत, या कल्पवासी को बिजली संबंधी कोई परेशानी होने पर वे तुरंत क्यूआर कोड स्कैन कर सकें। यह क्यूआर कोड बिजली खंभों पर लगाए जाएंगे, और इसे स्कैन करने पर यूजर सीधे गूगल फॉर्म के जरिए अपनी शिकायत दर्ज कर सकेगा। शिकायत ऑनलाइन माध्यम से स्वतः बिजली विभाग को प्राप्त हो जाएगी, और विभाग त्वरित रूप से समाधान की दिशा में कदम उठाएगा।
बिजली कटौती की समस्या को कम करने की योजना
बिजली आपूर्ति में बाधा आने पर भी अंधेरा नहीं होगा, क्योंकि इन खंभों पर एक विशेष डिवाइस लगाई जाएगी जो बिजली कट जाने के बावजूद आवश्यक प्रकाश उपलब्ध कराएगी। ये डिवाइस संकट के समय उजाला बनाए रखने के लिए डिजाइन की गई हैं, ताकि कुंभ मेला जैसे महत्वपूर्ण आयोजन में किसी भी तरह की असुविधा ना हो।
कुंभ में सुरक्षा और सुविधा के व्यापक इंतजाम
कुंभ मेला में डिजिटल तकनीक के अन्य कई प्रयोग भी किए जा रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से, सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जा रही है, और जीपीएस आधारित निगरानी प्रणाली का भी उपयोग किया जाएगा। साथ ही, प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दिशानिर्देश देने और स्थानों की जानकारी देने के लिए मोबाइल एप्स और डिजिटल सूचना केंद्र बनाए जा रहे हैं।
निष्कर्ष: प्रयागराज कुंभ मेला में इस बार डिजिटल तकनीक का बड़ा उपयोग होगा, जिससे बिजली, सुरक्षा, और सुविधा से जुड़ी सेवाओं को सुगम बनाया जाएगा। 40 हजार बिजली के खंभों पर लगने वाली डिवाइस और क्यूआर कोड प्रणाली बिजली आपूर्ति के साथ-साथ शिकायत प्रबंधन को डिजिटल रूप में तेजी से हल करने का काम करेगी।
इस कदम से लाखों श्रद्धालुओं को अधिकतम सुविधा और सुरक्षा मिलने की उम्मीद है, जिससे मेले का अनुभव और भी बेहतर होगा।
खबर वर्ल्ड24-बालकृष्ण साहू-छत्तीसगढ़