khabarworld24.com - स्टैंड अप इंडिया योजना की शुरुआत भारत सरकार ने 5 अप्रैल 2016 को की थी, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और महिलाओं को स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है ताकि उद्यमी अपना व्यवसाय शुरू कर सकें या मौजूदा व्यापार का विस्तार कर सकें।
क्यों शुरू की गई यह योजना?
यह योजना विशेष रूप से उन वर्गों के लिए बनाई गई है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और व्यवसाय शुरू करने में चुनौतियों का सामना करते हैं। योजना का उद्देश्य है:
- रोजगार सृजन - रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करना।
- वित्तीय समावेशन - महिलाओं और समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा की आर्थिक गतिविधियों में शामिल करना।
- उद्यमिता को बढ़ावा देना - छोटे और मध्यम उद्योगों में उद्यमियों को सहयोग देकर उनकी संख्या बढ़ाना।
स्टैंड अप इंडिया योजना के मुख्य बिंदु:
- ऋण राशि: इस योजना के तहत लाभार्थियों को 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का ऋण दिया जाता है।
- लक्षित समूह: अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमी।
- उद्देश्य: विनिर्माण, सेवा, व्यापारिक क्षेत्र में व्यापार शुरू करना।
- लोन की अवधि: अधिकतम 7 वर्ष तक।
- मार्जिन मनी: 25% तक की मार्जिन मनी दी जा सकती है, जो परियोजना लागत का 75% से कम नहीं होनी चाहिए।
- ब्याज दर: ब्याज दर बैंक के अनुसार होती है, लेकिन इसे कम रखा गया है ताकि लाभार्थी आसानी से इसका लाभ उठा सकें।
आवेदन कैसे करें?
स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत आवेदन करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:
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बैंक चयन: योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी निर्धारित बैंक शाखा से संपर्क करें। राष्ट्रीयकृत बैंकों के अलावा निजी बैंक भी इस योजना के अंतर्गत ऋण प्रदान करते हैं।
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ऑनलाइन आवेदन: आप स्टैंड अप इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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आवेदन की प्रक्रिया:
- अपनी व्यवसायिक योजना का विवरण तैयार करें।
- वेबसाइट पर अपनी जानकारी भरें और आवेदन जमा करें।
- बैंक द्वारा आवेदन की समीक्षा की जाएगी, जिसके बाद आपके प्रोजेक्ट के अनुसार ऋण स्वीकृत किया जाएगा।
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दस्तावेज़: आवेदन के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाते की जानकारी, व्यवसाय योजना, और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होंगे।
स्टैंड अप इंडिया के आँकड़े (2023 तक):
- लाभार्थियों की संख्या: 2023 तक लगभग 1.16 लाख से अधिक उद्यमियों को इस योजना के अंतर्गत लाभ मिला है।
- ऋण राशि: अब तक कुल 30,160 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण राशि वितरित की जा चुकी है।
- महिला उद्यमियों का योगदान: इस योजना में 80% से अधिक लाभार्थी महिलाएँ रही हैं, जिनके माध्यम से समाज में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- समुदाय विकास: इस योजना के कारण कई महिलाएं अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं और परिवार की आय में योगदान दे रही हैं।
- स्टार्टअप्स की वृद्धि: योजना के अंतर्गत छोटे और मध्यम उद्योगों में वृद्धि हुई है, जिससे देश में नए स्टार्टअप्स की संख्या बढ़ रही है।
निष्कर्ष:
स्टैंड अप इंडिया योजना ने समाज के वंचित वर्गों के लिए एक नया आयाम खोला है, जिससे वे न केवल आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रहे हैं बल्कि देश की समग्र आर्थिक वृद्धि में भी योगदान दे रहे हैं। महिला उद्यमियों के लिए यह योजना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें आत्मनिर्भर बनने और अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक संचालित करने में मदद करती है।
कैसे करें आवेदन?:
- स्टैंड अप इंडिया वेबसाइट पर जाकर आवेदन प्रक्रिया को फॉलो करें और ऑनलाइन फॉर्म भरें।
ध्यान दें: योजना की शर्तों और बैंक की आवश्यकताओं के अनुसार आपके आवेदन को स्वीकार या अस्वीकार किया जा सकता है, इसलिए व्यवसायिक योजना का सही प्रकार से निर्माण करना अत्यंत आवश्यक है।
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