khabarworld24.com - भारत में ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में "लखपति दीदी" कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना और उन्हें गरीबी से बाहर निकालना है। इस पहल ने पिछले एक दशक में अद्भुत सफलता प्राप्त की है, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं ने स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आय अर्जित की है।

पहल का उद्देश्य:

लखपति दीदी पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण महिलाएं न केवल परिवार के वित्तीय सहयोगी बनें, बल्कि वे समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करें। यह पहल महिलाओं को विभिन्न प्रकार के आर्थिक गतिविधियों जैसे कृषि, हस्तशिल्प, डेयरी उत्पादन, और स्थानीय व्यापार में प्रशिक्षित कर उन्हें स्वावलंबी बनाती है।

स्वयं सहायता समूह (SHGs) की भूमिका:

इस पहल में स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups - SHGs) की अहम भूमिका है। SHGs ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए एक संगठित प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करते हैं, जहां वे बचत, ऋण सुविधा और व्यवसायिक प्रशिक्षण का लाभ उठा सकती हैं।

प्रमुख आँकड़े:

  • 8 लाख करोड़ रुपये की आय: पिछले एक दशक में, SHGs के माध्यम से जुड़ी महिलाओं ने कुल मिलाकर 8 लाख करोड़ रुपये की आय अर्जित की है। यह इस पहल की सफलता और महिलाओं के जीवन स्तर में बदलाव का प्रमाण है।
  • 40 लाख महिलाओं की भागीदारी: इस पहल के अंतर्गत लगभग 40 लाख ग्रामीण महिलाएं सक्रिय रूप से स्वयं सहायता समूहों में जुड़ी हुई हैं, जो अपने परिवार की आय में योगदान कर रही हैं।
  • लखपति बनने का लक्ष्य: इस पहल के तहत, प्रत्येक महिला का उद्देश्य कम से कम 1 लाख रुपये सालाना की आय अर्जित करना है। यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के साथ-साथ समाज में उनकी स्थिति को मजबूत कर रही है।
  • आर्थिक स्वतंत्रता का विस्तार: SHGs के माध्यम से महिलाओं को स्थानीय स्तर पर उत्पादन, विपणन, और वितरण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे अपने खुद के व्यवसाय को चला सकें और आर्थिक स्वतंत्रता हासिल कर सकें।

सरकार की भूमिका:

केंद्र और राज्य सरकारें इस पहल को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। वित्तीय सहायता, उद्यमिता प्रशिक्षण, और बाजारों तक पहुंच की सुविधा के माध्यम से सरकारें इन SHGs का समर्थन कर रही हैं। इसके अलावा, विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को ऋण सुविधा और व्यवसाय के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान किए जा रहे हैं।

लखपति दीदी पहल का प्रभाव:

यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बना रही है, बल्कि समाज में उनकी स्थिति को भी सशक्त कर रही है। ग्रामीण महिलाएं अब आर्थिक निर्णयों में शामिल हो रही हैं और उनके द्वारा अर्जित आय का उपयोग परिवार और बच्चों की शिक्षा में हो रहा है।

निष्कर्ष:

लखपति दीदी पहल एक महत्वपूर्ण कदम है जो ग्रामीण भारत की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बना रही है। 8 लाख करोड़ रुपये की आय और लाखों महिलाओं की भागीदारी इस पहल की सफलता की गवाही देती है। यह पहल आने वाले वर्षों में और अधिक महिलाओं को गरीबी से बाहर निकालने और उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में अग्रसर करने के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनी रहेगी।


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