Khabarworld24 - दुनिया भर में महंगाई (मुद्रास्फीति) एक प्रमुख आर्थिक चिंता का विषय बन गई है। विभिन्न देशों में मुद्रास्फीति की दरें अलग-अलग हैं, जो कई कारकों जैसे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, ऊर्जा संकट, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, और स्थानीय आर्थिक नीतियों पर निर्भर करती हैं।

यहां दुनिया के प्रमुख क्षेत्रों और देशों में महंगाई के मौजूदा आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है:

1. संयुक्त राज्य अमेरिका (USA):

  • मुद्रास्फीति दर (2024): लगभग 3.2% (अक्टूबर 2024 तक)
  • महंगाई का कारण: कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की बाधाएं, श्रम बाजार की तंगी, और ऊर्जा कीमतों में उछाल। हालांकि, पिछले सालों की तुलना में यह दर कम हुई है, लेकिन यह अब भी ऐतिहासिक रूप से उच्च है।
  • उपाय: अमेरिकी फेडरल रिजर्व (Fed) ने ब्याज दरों में लगातार वृद्धि की है, जिससे महंगाई पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है।

2. यूरोपीय संघ (EU):

  • औसत मुद्रास्फीति दर (2024): लगभग 4.5%
  • महंगाई का कारण: रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद ऊर्जा संकट, खाद्य आपूर्ति में कमी, और ईंधन की कीमतों में तेज वृद्धि। कई यूरोपीय देशों में ऊर्जा संकट के कारण महंगाई का स्तर काफी ऊंचा हो गया है, विशेषकर जर्मनी और फ्रांस में।
  • उपाय: यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) ने भी ब्याज दरों में वृद्धि की है और ऊर्जा आयात को स्थिर करने के लिए वैकल्पिक उपाय किए हैं।

3. संयुक्त राजशाही (United Kingdom):

  • मुद्रास्फीति दर (2024): लगभग 5.4%
  • महंगाई का कारण: ब्रेक्सिट के बाद व्यापार में आने वाली रुकावटें, ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि और श्रम की कमी। विशेष रूप से खाद्य और ऊर्जा कीमतों में बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है।
  • उपाय: बैंक ऑफ इंग्लैंड ने ब्याज दरों को बढ़ाया है और श्रम बाजार में सुधार के लिए कदम उठाए हैं।

4. भारत:

  • मुद्रास्फीति दर (2024): लगभग 6.5% (अक्टूबर 2024)
  • महंगाई का कारण: वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी, घरेलू खाद्य पदार्थों की आपूर्ति में कमी, और कृषि उत्पादों की उत्पादन क्षमता में गिरावट। मानसून की अस्थिरता ने खाद्य महंगाई को और बढ़ाया है।
  • उपाय: भारतीय रिज़र्व बैंक ने ब्याज दरों में वृद्धि की है, और सरकार ने ईंधन और खाद्य पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ राहत उपाय किए हैं।

5. चीन:

  • मुद्रास्फीति दर (2024): लगभग 1.6%
  • महंगाई का कारण: चीन में महंगाई दर अपेक्षाकृत कम है। हालांकि, चीन की अर्थव्यवस्था धीमी गति से बढ़ रही है और घरेलू मांग में गिरावट आई है। इसके अलावा, चीन में सरकारी हस्तक्षेप के कारण खाद्य और ऊर्जा कीमतों को नियंत्रित रखा गया है।
  • उपाय: चीन ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए सख्त कीमत नियंत्रण और सब्सिडी का सहारा लिया है।

6. ब्राज़ील:

  • मुद्रास्फीति दर (2024): लगभग 4.9%
  • महंगाई का कारण: खाद्य वस्तुओं और ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि, और मुद्रा अवमूल्यन। ब्राज़ील की कृषि उत्पादों पर निर्भरता और वैश्विक बाजार की अनिश्चितता ने मुद्रास्फीति को बढ़ावा दिया।
  • उपाय: ब्राज़ील ने ब्याज दरों को बढ़ाने और आर्थिक सुधारों को लागू करने के कदम उठाए हैं।

7. रूस:

  • मुद्रास्फीति दर (2024): लगभग 8-9%
  • महंगाई का कारण: पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण आपूर्ति श्रृंखला में अवरोध, रूबल का अवमूल्यन, और घरेलू बाजार में मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन। रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव से ऊर्जा और खाद्य महंगाई भी प्रभावित हुई है।
  • उपाय: रूस ने घरेलू बाजार की आपूर्ति स्थिर करने के लिए कृषि उत्पादों पर निर्यात प्रतिबंध लगाए हैं और आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करने के लिए मुद्रा स्थिरीकरण के उपाय किए हैं।

8. टर्की (Turkey):

  • मुद्रास्फीति दर (2024): लगभग 33%
  • महंगाई का कारण: टर्की में महंगाई दर दुनिया में सबसे ऊंची है। मुद्रा का अवमूल्यन, सरकारी नीतियों में अस्थिरता, और वैश्विक ऊर्जा संकट ने महंगाई को अत्यधिक बढ़ा दिया है।
  • उपाय: टर्की ने ब्याज दरों में वृद्धि और कर्ज़ नियंत्रण जैसे उपाय किए हैं, लेकिन महंगाई पर काबू पाने में चुनौतियाँ बनी हुई हैं।

9. अर्जेंटीना:

  • मुद्रास्फीति दर (2024): लगभग 120%
  • महंगाई का कारण: अर्जेंटीना में मुद्रा संकट, सरकारी कर्ज़, और आर्थिक अस्थिरता के चलते महंगाई दर विश्व में सबसे अधिक है। यहां आवश्यक वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे देश के आर्थिक संकट गहरा हो रहा है।
  • उपाय: सरकार ने मूल्य नियंत्रण और मुद्रा स्थिरीकरण के उपाय अपनाए हैं, लेकिन महंगाई पर नियंत्रण पाना मुश्किल साबित हो रहा है।

10. अफ्रीकी महाद्वीप:

  • औसत मुद्रास्फीति दर (2024): लगभग 8-10% (विभिन्न देशों में अलग-अलग)
  • महंगाई का कारण: अफ्रीकी देशों में खाद्य और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण महंगाई बढ़ी है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में रुकावटें, ऊर्जा संकट, और जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि उत्पादन में गिरावट मुख्य कारण हैं।
  • उपाय: कई देशों ने आयात निर्भरता को कम करने और कृषि उत्पादन बढ़ाने के उपाय किए हैं।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य:

  • वैश्विक मुद्रास्फीति (Global Inflation): वैश्विक स्तर पर महंगाई दर 2024 में लगभग 5.9% आंकी गई है, जो कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं, ऊर्जा संकट और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से प्रेरित है।
  • ऊर्जा और खाद्य संकट: अधिकांश देशों में ऊर्जा और खाद्य वस्तुओं की कीमतें महंगाई का सबसे बड़ा कारण बनी हुई हैं। वैश्विक तेल कीमतों में अस्थिरता और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में अवरोध ने अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं पर महंगाई का दबाव बढ़ाया है।

निष्कर्ष:

दुनिया भर में महंगाई की समस्या का सामना अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीकों से किया जा रहा है। विकसित देशों में महंगाई के कारण उपभोक्ता खर्च पर असर पड़ा है, जबकि विकासशील और अविकसित देशों में यह जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं पर भारी दबाव डाल रही है। वैश्विक मुद्रास्फीति के प्रमुख कारणों में ऊर्जा की कीमतों में अस्थिरता, खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति में कमी, और मुद्राओं का अवमूल्यन शामिल हैं।

खबर वर्ल्ड न्यूज-रायपुर-बालकृष्ण साहू