Khabarworld24 - भारत में तंबाकू (टोबैको) उद्योग एक अत्यधिक लाभदायक और व्यापक रूप से फैला हुआ उद्योग है, जिसमें कई प्रमुख कंपनियां सक्रिय हैं। तंबाकू का उत्पादन, बिक्री, और निर्यात तीन प्रमुख क्षेत्रों में विभाजित है:

  1. सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों का निर्माण और बिक्री
  2. बीडी और चबाने वाली तंबाकू उत्पाद
  3. तंबाकू का निर्यात

भारत का तंबाकू उद्योग:

भारत दुनिया में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, और घरेलू तंबाकू उद्योग में कई प्रमुख खिलाड़ी हैं जैसे कि ITC (Indian Tobacco Company), VST Industries, और Godfrey Phillips। इन कंपनियों के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में सिगरेट, चबाने वाली तंबाकू, गुटखा, खैनी, और बीड़ी शामिल हैं।

ITC (Indian Tobacco Company) का योगदान:

ITC न केवल भारत की बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी तंबाकू कंपनियों में से एक है। यह कंपनी सिगरेट व्यवसाय से अपनी अधिकांश कमाई करती है और इसके तंबाकू डिवीजन का कंपनी के कुल राजस्व में बड़ा योगदान है। ITC का तंबाकू कारोबार उसके कुल प्रॉफिट का लगभग 70% हिस्सा बनाता है। उदाहरण के लिए, वित्तीय वर्ष 2023-24 में ITC का तंबाकू कारोबार ₹60,000 करोड़ से अधिक का था।

अन्य प्रमुख तंबाकू कंपनियां:

  1. VST Industries: यह भी एक प्रमुख खिलाड़ी है जो विभिन्न प्रकार के सिगरेट और बीड़ी का उत्पादन करती है। इसका बाजार हिस्सेदारी अधिकतर साउथ इंडिया में है।

  2. Godfrey Phillips: यह कंपनी सिगरेट उत्पादन के साथ ही तंबाकू के अन्य उत्पादों में भी निवेश करती है। इस कंपनी की बाजार स्थिति मजबूत है और यह Marlboro जैसे वैश्विक ब्रांड्स का भारत में निर्माण और वितरण करती है।

भारत में तंबाकू उत्पादों का राजस्व और प्रॉफिट:

तंबाकू उद्योग भारत सरकार के राजस्व का भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है। तंबाकू उत्पादों पर लगाए गए भारी करों के बावजूद, इन कंपनियों का लाभप्रदता बढ़ रही है। टैक्सेशन की वजह से तंबाकू उत्पादों के दाम बढ़ जाते हैं, लेकिन इन उत्पादों की मांग में कोई बड़ी कमी नहीं देखी जाती है, क्योंकि तंबाकू एक नशा उत्पाद है और इसकी लत के कारण इसकी मांग में मजबूती रहती है।

प्रॉफिट मार्जिन:

  • सिगरेट कंपनियों का प्रॉफिट मार्जिन: सिगरेट उत्पादों पर सबसे ज्यादा कर लगाया जाता है, फिर भी सिगरेट कंपनियां उच्च प्रॉफिट मार्जिन बनाए रखती हैं। ITC जैसी कंपनियां 30% से अधिक का प्रॉफिट मार्जिन रखती हैं।

  • चबाने वाली तंबाकू: चबाने वाले तंबाकू उत्पाद (जैसे गुटखा और खैनी) की कम कीमत और अधिक खपत होती है, इसलिए इनमें लाभ का मार्जिन कम होता है, लेकिन वॉल्यूम के कारण कंपनियां इससे भी काफी प्रॉफिट कमा लेती हैं।

तंबाकू उद्योग की चुनौतियां:

  • सरकारी नियंत्रण और विनियम: भारत में तंबाकू पर कठोर नियम लागू किए जा रहे हैं, जैसे पैकेजिंग पर बड़ी स्वास्थ्य चेतावनियाँ, सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध, और तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर रोक। इससे तंबाकू उत्पादों की बिक्री में थोड़ी गिरावट आई है।

  • स्वास्थ्य और सामाजिक प्रभाव: तंबाकू से जुड़े स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कैंसर, दिल की बीमारियों और फेफड़ों के रोगों के कारण सरकार पर तंबाकू उद्योग के खिलाफ सख्त कदम उठाने का दबाव है। इससे भी इस उद्योग को दीर्घकालिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

तंबाकू निर्यात:

भारत तंबाकू का प्रमुख निर्यातक देश है। भारतीय तंबाकू की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी काफी अधिक है। 2023 में भारत ने लगभग ₹7,000 करोड़ मूल्य का तंबाकू निर्यात किया था। निर्यात से मिलने वाला यह राजस्व भी भारतीय तंबाकू उद्योग के प्रॉफिट को बढ़ाने में सहायक है।

निष्कर्ष:

भारत का तंबाकू उद्योग राजस्व और प्रॉफिट दोनों के लिहाज से मजबूत स्थिति में है। हालांकि, सरकारी विनियम और सामाजिक जागरूकता के चलते दीर्घकालिक दृष्टि से इसमें चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं। कंपनियां अब नए उत्पादों और बाजारों में विस्तार करके इस उद्योग को टिकाए रखने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन स्वास्थ्य जागरूकता के बढ़ते प्रभाव से यह उद्योग कुछ दिक्कतों का सामना कर सकता है।

खबर वर्ल्ड न्यूज-रायपुर।