khabarworld24-नई दिल्ली। डिजिटल रेप एक ऐसा अपराध है जिसमें किसी व्यक्ति की सहमति के बिना, जबरन डिजिटल माध्यम से यौन शोषण किया जाता है। यहां "डिजिटल" शब्द का तात्पर्य किसी इलेक्ट्रॉनिक या इंटरनेट से जुड़े डिवाइस से नहीं है, बल्कि इसे शारीरिक रूप से उंगलियों या किसी अन्य वस्तु के उपयोग से किया जाने वाले यौन उत्पीड़न के रूप में समझा जाता है। इसे कानूनी रूप से रेप या यौन हिंसा की श्रेणी में रखा जाता है। इस प्रकार का अपराध शारीरिक संपर्क के बिना ही डिजिटल साधनों के माध्यम से या शारीरिक उत्पीड़न की तरह अपराध की गणना में शामिल हो सकता है।

1. डिजिटल रेप की परिभाषा

डिजिटल रेप में अपराधी किसी व्यक्ति की सहमति के बिना, उसकी योनि, गुदा, या अन्य निजी अंगों में उंगलियों या किसी वस्तु का उपयोग करके प्रवेश करता है। यह यौन उत्पीड़न का एक प्रकार है जो व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और उसे मानसिक और शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाता है। यह भी एक प्रकार का रेप है, जिसमें यौन उत्पीड़न की गंभीरता शारीरिक बलात्कार के समान मानी जाती है।

2. कानूनी संदर्भ

भारत में, 2013 के आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के तहत बलात्कार की परिभाषा को विस्तारित किया गया, जिसमें डिजिटल रेप को भी शामिल किया गया। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 375 में संशोधन करके इसे बलात्कार की श्रेणी में रखा गया है।

इस कानून के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति पीड़िता की सहमति के बिना उसके निजी अंगों में उंगलियों या अन्य वस्तु का इस्तेमाल करता है, तो इसे भी बलात्कार माना जाएगा और दोषी को कड़ी सजा दी जाएगी।

3. डिजिटल रेप कैसे फैल रहा है?

डिजिटल रेप जैसी घटनाएं कई सामाजिक, सांस्कृतिक और तकनीकी कारणों से बढ़ रही हैं। इसके प्रमुख कारणों में शामिल हैं:

a. अवधारणाओं की गलतफहमी

कई बार लोगों में यह भ्रम होता है कि जब यौन उत्पीड़न में शारीरिक संभोग नहीं होता, तो यह रेप नहीं कहलाता। जबकि डिजिटल रेप भी बलात्कार की तरह ही गंभीर अपराध है, और इसे समान सजा का प्रावधान है। जागरूकता की कमी और इस विषय पर खुलकर चर्चा न होने के कारण यह अपराध बढ़ रहा है।

b. पितृसत्तात्मक मानसिकता और लैंगिक असमानता

भारत और कई अन्य समाजों में पितृसत्तात्मक मानसिकता के चलते महिलाओं और लड़कियों के प्रति यौन हिंसा की घटनाएं अधिक होती हैं। लैंगिक असमानता और महिलाओं की असुरक्षा के चलते इस प्रकार की घटनाएं बढ़ रही हैं।

c. सुरक्षा और कानून का अभाव

हालांकि कानून में कड़े प्रावधान हैं, लेकिन कई बार कानून का सही तरीके से पालन नहीं होता। पीड़ित महिलाएं अक्सर सामाजिक डर, पुलिस या अदालत की प्रक्रिया से बचने के लिए शिकायत दर्ज नहीं कराती हैं, जिससे अपराधी आसानी से बच निकलते हैं। इस प्रकार के मामलों में न्याय प्रणाली की धीमी गति और दोषियों के प्रति कड़ा रुख न होना भी इसकी वृद्धि का एक कारण है।

d. सोशल मीडिया और डिजिटल स्पेस का दुरुपयोग

डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया का दुरुपयोग भी महिलाओं और बच्चों को धमकाने, ब्लैकमेल करने और उनके साथ यौन शोषण करने के लिए किया जा रहा है। हालांकि यह "डिजिटल रेप" की परिभाषा में सीधे नहीं आता, लेकिन इससे जुड़े ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि हो रही है, जो शारीरिक यौन शोषण का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।

e. सामाजिक दबाव और मानसिकता

कई बार पीड़िता सामाजिक दबाव के कारण अपनी आपबीती नहीं बता पाती, खासकर तब जब अपराधी कोई करीबी हो। इन घटनाओं में चुप्पी साधे रखने से अपराधियों का मनोबल बढ़ता है, जिससे अपराध की पुनरावृत्ति होती है।

4. निवारण के उपाय और जागरूकता

डिजिटल रेप के बढ़ते मामलों को रोकने और इससे निपटने के लिए कई प्रयास किए जा सकते हैं:

a. कानूनी जागरूकता

महिलाओं और बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। उन्हें यह जानना चाहिए कि डिजिटल रेप भी एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए सख्त कानूनी प्रावधान हैं। इस प्रकार की घटनाओं के बारे में रिपोर्ट करने के लिए साहस और समर्थन की आवश्यकता होती है।

b. शिक्षा और सामाजिक परिवर्तन

लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए शिक्षा और जागरूकता अभियानों की जरूरत है। बच्चों को कम उम्र से ही लैंगिक समानता, यौन उत्पीड़न, और सहमति के बारे में सिखाना आवश्यक है। इससे वे खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे और ऐसी घटनाओं का विरोध कर सकेंगे।

c. कठोर कानूनी प्रवर्तन

डिजिटल रेप के मामलों में त्वरित और प्रभावी न्याय प्रदान करना आवश्यक है। इसके लिए पुलिस और न्यायपालिका को संवेदनशीलता और दक्षता के साथ इन मामलों को संभालने की जरूरत है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और अपराधियों को उचित सजा दी जा सके।

d. सुरक्षा उपाय

महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए तकनीकी और सामाजिक स्तर पर प्रयास किए जाने चाहिए। स्कूलों, कार्यस्थलों, और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना, और डिजिटल माध्यमों पर सुरक्षित रहने के उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

डिजिटल रेप एक गंभीर अपराध है, जो मानसिक और शारीरिक शोषण का रूप है। समाज में इसे रोकने के लिए कानूनी सुधार, सामाजिक जागरूकता, और सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है।