khabarworld24-नई दिल्ली। अगर देश में नशा पूरी तरह से खत्म हो जाए, तो इसके समाज, स्वास्थ्य, और आर्थिक स्थिति पर गहरे प्रभाव होंगे। आइए विस्तार से समझते हैं कि नशे के खात्मे से क्या-क्या प्रभाव हो सकते हैं, सरकार नशे को पूरी तरह से प्रतिबंधित क्यों नहीं करती, और तंबाकू कंपनियों को इससे किस प्रकार नुकसान होगा।
1. नशे के खत्म होने के संभावित लाभ
a. स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव
- बीमारियों में कमी: नशे, खासकर तंबाकू, शराब, और ड्रग्स के सेवन से अनेक गंभीर बीमारियां होती हैं, जैसे कैंसर, हृदय रोग, फेफड़े की बीमारी आदि। अगर नशा पूरी तरह से खत्म हो जाए, तो इन बीमारियों के मामलों में भारी गिरावट आएगी, जिससे देश की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होगा।
- स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ कम होगा: नशे से संबंधित बीमारियों का इलाज महंगा होता है। अगर नशा खत्म हो जाता है, तो अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव कम होगा और स्वास्थ्य बजट का बेहतर उपयोग अन्य आवश्यक क्षेत्रों में किया जा सकेगा।
b. सामाजिक और पारिवारिक संरचना में सुधार
- परिवारों में शांति: नशे के कारण कई परिवार टूट जाते हैं, घरेलू हिंसा और अपराध की घटनाएं बढ़ती हैं। नशा खत्म होने से पारिवारिक संरचना मजबूत होगी, घरेलू हिंसा में कमी आएगी, और समाज में शांति और स्थिरता बढ़ेगी।
- अपराध में कमी: नशे से जुड़ी अपराध गतिविधियां, जैसे नशे की तस्करी, हिंसा, चोरी, और हत्या, इन मामलों में भी कमी आएगी, जिससे समाज में सुरक्षा और शांति का माहौल बनेगा।
c. आर्थिक लाभ
- उत्पादकता में वृद्धि: नशे की आदत से लोग कम उत्पादक हो जाते हैं। अगर नशा खत्म हो जाए, तो लोग शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे, जिससे कार्यबल की उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी और देश की आर्थिक प्रगति को गति मिलेगी।
- स्वास्थ्य खर्च में कमी: नशे की वजह से होने वाले रोगों और दुर्घटनाओं के कारण व्यक्तिगत और सरकारी स्तर पर बहुत खर्च होता है। नशा खत्म होने से यह खर्च कम हो जाएगा और वह धन देश के अन्य महत्वपूर्ण विकास कार्यों में लगाया जा सकेगा।
2. सरकार नशे को पूरी तरह से प्रतिबंधित क्यों नहीं करती?
हालांकि नशे के खिलाफ कई कदम उठाए जाते हैं, जैसे नशा मुक्ति अभियान, कर बढ़ाना, और जन जागरूकता कार्यक्रम, फिर भी सरकारें इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं करतीं। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं:
a. आर्थिक कारण
- कर राजस्व (Tax Revenue): तंबाकू और शराब उद्योग से सरकार को भारी मात्रा में कर राजस्व प्राप्त होता है। यह राजस्व स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे, और अन्य विकास कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होता है। अगर नशे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाए, तो इस राजस्व का नुकसान सरकार के बजट को प्रभावित करेगा।
b. रोजगार
- रोजगार के अवसर: तंबाकू, शराब, और अन्य नशीले पदार्थों से जुड़े उद्योगों में लाखों लोग काम करते हैं। किसानों से लेकर फैक्ट्री मजदूरों तक, इन उद्योगों से लाखों लोग आजीविका कमाते हैं। अगर इन पर प्रतिबंध लगा दिया जाए, तो बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो जाएंगे, जिससे देश में रोजगार संकट पैदा हो सकता है।
c. कानूनी और सामाजिक नियंत्रण
- अवैध तस्करी: अगर नशे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाता है, तो इसकी अवैध तस्करी और काले बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ सकती है। इससे कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है। सरकार को यह डर होता है कि पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने से अवैध गतिविधियां और ज्यादा बढ़ जाएंगी।
d. संस्कृति और सामाजिक स्वीकृति
- संस्कृति और परंपराएं: शराब और तंबाकू का उपयोग कई देशों में सांस्कृतिक रूप से स्वीकृत है। त्योहारों, सामाजिक अवसरों, और निजी समारोहों में इसका उपयोग प्रचलित है। अचानक से इन्हें प्रतिबंधित करना सांस्कृतिक विरोध का कारण बन सकता है।
3. तंबाकू कंपनियों को नुकसान कैसे होगा?
अगर नशा खत्म हो जाता है, विशेष रूप से तंबाकू का सेवन बंद हो जाता है, तो तंबाकू कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके मुख्य कारण इस प्रकार होंगे:
a. बिक्री में भारी गिरावट
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बाजार का नुकसान: तंबाकू कंपनियों की आय पूरी तरह से तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर निर्भर होती है। अगर नशा खत्म हो जाए, तो इन कंपनियों की बिक्री बंद हो जाएगी, जिससे उनका पूरा कारोबार ठप हो सकता है।
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निर्यात पर असर: कई तंबाकू कंपनियां विदेशी बाजारों में भी तंबाकू निर्यात करती हैं। नशे के खिलाफ वैश्विक अभियान से उनके निर्यात में भी कमी आएगी, जिससे उनकी आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
b. रोजगार में कमी
- नौकरियों का नुकसान: तंबाकू उद्योग में बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं, जिनमें किसान, फैक्ट्री कर्मचारी, और विक्रेता शामिल हैं। नशा खत्म होने से तंबाकू कंपनियों को उत्पादन बंद करना पड़ेगा, जिससे बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
c. शेयरधारकों को नुकसान
- शेयर बाजार पर प्रभाव: बड़ी तंबाकू कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध होती हैं और उनके शेयरधारक इनसे मुनाफा कमाते हैं। अगर तंबाकू उद्योग को नुकसान होता है, तो इससे शेयरधारकों को भी आर्थिक नुकसान होगा और उनका निवेश जोखिम में आ जाएगा।
निष्कर्ष
नशे के खत्म होने से समाज, स्वास्थ्य, और अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। स्वास्थ्य में सुधार, अपराध में कमी, और आर्थिक लाभ इसके प्रमुख फायदे हो सकते हैं। लेकिन, सरकारें पूरी तरह से नशे पर प्रतिबंध नहीं लगातीं क्योंकि इससे उन्हें कर राजस्व का नुकसान होता है, रोजगार प्रभावित होता है, और अवैध तस्करी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। तंबाकू और शराब उद्योग जैसे बड़े उद्योगों पर नशे के खात्मे से सीधा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है।