नई दिल्ली। नींद हमारी दैनिक दिनचर्या के लिए के लिए बेहद जरूरी है इसलिए रात की 7 से 8 घंटे की नींद सबके लिए बहुत जरूरी हो जाती है ताकि आप अगले दिन के लिे तरोताजा महसूस कर सकें और अगले दिन के कार्य पूरी एनर्जी के साथ कर सकें। वैसे तो हर इंसान की नींद अलग-अलग होती है किसी को ज्यादा नींद आती है तो किसी को कम नींद। ये इंसान की काम की प्रवृति और दैनिक दिनचर्या के मुताबिक होती है। कोई कम नींद लेकर भी तरोताजा महसूस कर लेता है तो किसी किसी को ज्यादा नींद भी कम पड़ती है लेकिन अधिक सोना भी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
वैसे तो सामान्यत: 7 से 8 घंटे की नींद को पर्याप्त माना जाता है लेकिन कई लोग इससे भी ज्यादा घंटे सोने में बिताते हैं। सोने के यही ज्यादा घंटे व्यक्ति की जान को खतरे में डाल सकते हैं क्योंकि एक रिसर्च के मुताबिक ज्यादा सोने वालों को स्ट्रोक का खतरा सामान्य नींद लेने वाले से 85 फीसदी ज्यादा होता है। स्ट्रोक एक बेहद ही खतरनाक स्थिति होती है जिसमें दिमाग में खून का प्रवाह रूक जाने से दिमाग की नसें फट जाती है। इस स्थिति में व्यक्ति की जान तक जा सकती है।
अधिक सोने पर रिसर्च
इस रिसर्च के मुताबिक रोजाना 9 घंटे से अधिक सोना ज्यादा सोने की श्रेणी में आता है। इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने 31,750 प्रतिभागियों के सोने के पैटर्न को स्टडी किया है जो लगभग 6 सालों से एक ही प्रकार की नींद ले रहे हैं। इस रिसर्च में शामिल प्रतिभागियों की औसत उम्र 62 वर्ष के आसपास थी। साथ ही रिसर्च में स्ट्रोक के अन्य कारकों जैसे शराब, धूम्रपान, हार्ट संबंधी बीमारियों का इतिहास, स्ट्रोक का इतिहास और कोलेस्ट्रॉल की समस्या जैसे अन्य जोखिमों को भी शामिल किया गया।
क्या कहती है स्टडी
इस रिसर्च में पाया गया कि जो लोग हर रात 9 घंटे से अधिक सोते थे उनमें स्ट्रोक की संभावना कम सोने वालों के मुकाबले 23 फीसदी ज्यादा थी। वही जो इसके अलावा भी दिन में 90 मिनट की अतिरिक्त झपकी लेते थे उनमें स्ट्रोक का खतरा 85 फीसदी अधिक पाया गया। इस रिसर्च में पाया गया कि अधिक सोने का संबंध सूजन, मोटापे और अन्य कारकों के साथ देखा गया है।
इससे कैसे बचें
* सोने का एक नियमित रूटीन बनाएं।
* निश्चित समय पर सोएं और निश्चित समय पर उठें।
* ज्यादा से ज्यादा 7-8 घंटे की नींद लें।
* अलार्म सेट करके ही सोएं।
* दिन में झपकी लेने से बचें।
बिजनेस
अधिक सोने वालों को होता है स्ट्रोक का ज्यादा खतरा, रिसर्च से हुआ खुलासा
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