तमाम ज्योतिषविदों व विद्वानों की राय के मुताबिक रक्षाबंधन पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन का मुहूर्त प्रात: 10:39 बजे से सायं 05:51 बजे तक रहेगा। आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने रक्षाबंधन के लिए 11 अगस्त की तिथि को सही मानते हुए कहा कि रक्षाबंधन व श्रावणी उपाकर्म मुख्यत: पूर्णिमा तिथि व श्रवण नक्षत्र का होना जरूरी माना गया है। 11 अगस्त को 10:39 मिनट से पूर्णिमा तिथि शुरू हो रही है, जो पूरे दिन व्याप्त है। जबकि श्रावण नक्षत्र सुबह 6:53 से प्रारंभ हो जाएगा।
12 अगस्त को पूर्णिमा सुबह 7 बजकर 06 मिनट पर खत्म हो रही है। 11 अगस्त को पूरे दिन भद्रा जरुर है मगर भद्रा मकर राशि में होने से इसका वास पाताल लोक में है। जब भद्रा पाताल लोक में होती है तो यह शुभ फल देने में समर्थ होती है। अनेकों अन्य विद्वानों ने भी रक्षाबंधन 11 अगस्त को शास्त्रत्त् सम्मत माना है। ज्योतिषाचार्य डा. सुशांत राज ने कहा कि 11 को भद्रा होने के कारण लोगों में संशय पैदा हुआ। उनके मुताबिक भद्रा तो है लेकिन उसका कोई प्रभाव नहीं है।
उत्तराखंड विद्वत सभा अध्यक्ष आचार्य जेपी गोदियाल ने मत दिया है कि 11 अगस्त को सुबह 10:41 मिनट से सायं 8:53 बजे तक भद्रा है। सुबह 10:41 से पूर्णिमा भी शुरू होगी। जो 12 अगस्त सुबह 7:07 बजे तक है। 11 की शाम 5:19 से 6:20 बजे तक भद्रा पुछकाल है। लिहाजा रक्षा बंधन का समय 11 की सायं 8:53 से 9:25 मिनट व 12 की सुबह तक 7:07 बजे मिनट तक है।