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नई दिल्ली। पीएम किसान सम्मान निधि की अगली या 10वीं किस्त अगर चाहते हैं बिना किसी रुकावट के आपके खाते में पहुंच जाए तो आपको अपना डेटा सुधरवाना होगा। मसलन अगर आपके आधार में दर्ज नाम की स्पेलिंग आपके पीएम किसान के रिकॉर्ड से मैच नहीं करती है तो आपकी दिसंबर-मार्च की किस्त रुक जाएगी या रोक दी गई होगी। अगर आपका आधार ऑथंटिकेशन नहीं है तब भी आपकी किस्त मिलने के आसार कम हैं। इन सारी गलतियों को सुधरवाने के लिए उत्तर प्रदेश के किसानों को योगी सरकार ने बड़ा मौका दिया है। अब आपके पास केवल दो दिन बचे हैं और इन दो दिनों में भी आप आधार, बैंक अकाउंट, आईएफएससी कोड आदि दुरुस्त नहीं करा सके तो आप 2000 रुपये की किस्त से वंचित हो सकते हैं।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े लाखों किसान, जो उत्तर प्रदेश के हैं और उनकी किस्त किसी कारण से रुकी हुई है उनके लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग राज्य के सभी जिलों में 11 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक 'पीएम किसान समाधान दिवस' आयोजित कर रहा है। इस दौरान समाधान दिवस पर मुख्य रूप से इनवैलिड आधार और आधार के अनुसार नाम सही कराया जा रहा है।
कैंप की जरूरत क्यों पड़ी
आधार आथंटिकेशन अनिवार्य हो जाने से काफी संख्या में ऐसे किसान जिनका आधार संख्या इनवैलिड है या आधार कार्ड में लिखे नाम के अनुसार डेटा बेस में नाम फीड नहीं हुआ है, उनकी किसान सम्मान निधि का भुगतान केंद्र सरकार की ओर से रोक दिया गया है। ऐसे प्रकरणों के निस्तारण के लिए 'पीएम किसान समाधान दिवस' के रूप में तीन दिन का अभियान चलाया जा रहा है।
बता दें देशभर में अगस्त-नवंबर की 2000 रुपये की लाखों किसानों की किस्त अभी लटकी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल के 1751736 किसान हैं, जबकि 3388 किसानों का पेमेंट फेल हो गया है। वहीं, दूसरे नबंर पर ओडिशा है। यहां के 1057251 किसानों की पेमेंट लटक गई है। तीसरे स्थान पर काबिज उत्तर प्रदेश के 658376 किसानों की किस्त लटक गई है। इस बार पेमेंट फेल होने वाले लाभार्थियों की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश के किसानों की है। यहां 121676 किसानों के खातों में पैसा पेमेंट फेल होने की वजह से पहुंचा ही नहीं है।
कहां लगे हैं कैंप
जिन किसानों का आधार नंबर गलत होने या आधार के अनुसार नाम सही न होने के कारण सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल रही है, वे 11 से 13 अक्टूबर के बीच अपने विकास खंड के राजकीय बीज गोदाम पर आधार कार्ड और बैंक खाते के विवरण के साथ पहुंचकर अपना डाटा ठीक करा सकते हैं। अन्य समस्या होने पर भी किसान समाधान दिवस में मदद ली सकती है।
जिन किसानों को योजना के तहत कम से कम एक किस्त प्राप्त हुई है, लेकिन उनका आधार संख्या या नाम गलत है तो ऐसे किसानों का विवरण संबंधित बैंक से प्राप्त कर, उनका शत प्रतिशत सत्यापन कराकर डाटा दुरुस्त कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए कृषि विभाग व अन्य विभागों में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों को 3 दिन के लिए राजकीय बीज गोदामों पर तैनात किया जा रहा है।

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