हर महीने दो चतुर्थी तिथियां आती हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते है। दोनों चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित हैं। इस दिन माता पार्वती के पुत्र की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में लंबोदर को शुभ और विघ्नहर्ता माना जाता है। चतुर्थी तिथि के दिन गणेश जी की पूजा करना शुभ माना जाता है। ज्ञान और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 14 जनवरी को सुबह 07.59 मिनट से होगा। 15 जनवरी को प्रातः 07.59 बजे समाप्त होगा। ऐसे में विनायक चतुर्थी 14 जनवरी को मनाई जाएगी।
विनायक चतुर्था पूजा विधि
विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनने चाहिए। भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। श्रीगणेश को चंदन का तिलक लगाएं, लाल फूल, पान और सुपारी चढ़ाएं। भगवान गणपति का आशीर्वाद पाने के लिए मोदक का भोग अवश्य लगाएं।
विनायक चतुर्थी पर करें ये उपाय
पारिवारिक उन्नति और समृद्धि के लिए विनायक चतुर्थी पर चूहे पर बैठे भगवान गणेश की फोटो या मूर्ति की पूजा करें। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
भगवान गणेश को मोदक बहुत प्रिय है। ऐसे में किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए विनायक चतुर्थी पर मोदक का भोग लगाएं।
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