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11 छात्र एमबीबीएस में और एक डेंटल में चयनित
सभी छात्र दूरस्थ आदिवासी अंचल के

K.W.N.S.-रायपुर। अखिल भारतीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) 2021 में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। एकलव्य के 12 छात्रों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल कर प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त किया है। इनमें से 11 विद्यार्थी एमबीबीएस और एक विद्यार्थी का चयन बीडीएस (डेंटल) के लिए हुआ है। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, सचिव श्री डी.डी. सिंह और आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी ने इन विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सफल विद्यार्थियों में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कटेकल्याण जिला दंतेवाड़ा के 5 विद्यार्थी पीयूषा वेक और रमशिल्ला बेक का चयन रायपुर के पंडित जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल कॉलेज, इंदू कोडोपी और पद्मा माडे का चयन छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर, साल्वम पाले का चयन शासकीय डेंटल कॉलेज रायपुर में हुआ है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय तरेगांव जंगल जिला कबीरधाम के दो छात्र- रघुनंदन धुर्वे का चयन शासकीय मेडिकल कॉलेज बिलासपुर और दिग्विजय सिंह मसराम का चयन शासकीय मेडिकल कॉलेज कांकेर में हुआ है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय छोटे मुड़पार जिला रायगढ़ के दो छात्र त्रिभुवन और पारसमणि राठिया का चयन शासकीय मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में हुआ है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शिवप्रसाद नगर जिला-सूरजपुर के 2 छात्र - शेषकुमार और सत्यनारायण सिंह का चयन मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव के लिए हुआ है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय करपावण्ड जिला बस्तर के छात्र सुखराम मंडावी का चयन भी मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव हुआ है।
सबसे प्रमुख बात यह है कि चयनित विद्यार्थियों में से ज्यादातर छात्र दूरस्थ आदिवासी अंचल से संबंधित हैं। सभी विद्यार्थी ग्रामीण पृष्ठभूमि और कृषक परिवार से संबंधित हैं। इन विद्यार्थियों ने अपनी कड़ी मेहनत और एकलव्य विद्यालय के शिक्षकों के मार्गदर्शन में सफलता अर्जित की है। प्रदेश में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराकर उन्हें सामान्य जाति के विद्यार्थियों के समकक्ष लाना है। इसके साथ ही इन विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत कर प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए तैयार करना है। यह विद्यालय कक्षा 5वीं से 12वीं तक संचालित किए जा रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में 10 कन्या, 6 बालक और 55 संयुक्त विद्यालय सहित कुल 71 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें कक्षा 6वीं से 12वीं तक 60 सीटर प्रति कक्षा के मान से प्रत्येक विद्यालय में 420 बच्चों को प्रवेश देने का प्रावधान है। वर्ष 2021-22 में 4 नये एकलव्य विद्यालयों के संचालन के लिए प्रस्ताव भारत सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था। इनमें से रायगढ़ जिले के विकासखण्ड लैलुंगा, सरगुजा जिले के विकासखण्ड लुण्ड्रा में आगामी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से विद्यालय संचालन की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इस प्रकार शिक्षा सत्र 2022-23 से प्रदेश में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की संख्या बढ़कर 73 हो जाएगी।

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