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K.W.N.S.-Ashish kanthale-बेमेतरा। वल्र्ड बे्रस्ट फिडिंग बच्चों के स्वास्थ्य और बे्रस्ट फीडिंग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ये सप्ताह मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष की भंाति इस वर्ष भी 01 से 07 अगस्त तक माह का प्रथम सप्ताह “विश्व स्तनपान सप्ताह” के रूप में मनाया जा रहा है। शिशु के लिए स्तनपान सर्वोत्तम आहार तथा शिशु का मौलिक अधिकार है। मां का दूध शिशु के लिए मानसिक विकास, शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने और स्वास्थ्य के लिए के आवश्यक है। जिन शिशुओ को एक घण्टें के अन्दंर स्तनपान नही कराया जाता है उनमे नवजात मृत्यु दर की संभावना 33 प्रतिशत अधिक होती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. सतीश शर्मा ने बताया कि इस वर्ष 2021 “विश्वस्तनपानसप्ताह” का थीम हैः-”स्तनपान की रक्षा-एक साझी जिम्मेदारी `Protect Breast feeding: A Shared Responsibility, इस वर्ष की थीम इस बात पर जोर देती है कि स्तनपान पूरी दुनियाभर में सभी के अस्तित्व और देखभाल में अपना योगदान दे रहा है। इसलिए स्तनपान की सुरक्षा पूरी मानव जाति की जिम्मेदारी है।
स्तनपान सप्ताह के मुख्य बिन्दुः-मां के दूध मे शिशु की आवश्यकतानुसार पानी होता है, 6 माह तक उपर से पानी देने की आवश्यकता नही है। स्तनपान स्तनकैंसर से होने वाली मृत्यु को भी कम करता है। विभिन्न शोध मे यह स्पष्ट हो चुका है कि स्तनपान से न केवल शिशुओ और माताओं बल्कि समाज और देश को भी कई प्रकार के लाभ होते है।
कोविड-19 के दौरान सुरक्षित तरीके से स्तनपान कराया जा सकता है। शिशु के जन्म के तुरंत बाद निकलने वाला मां का पहला दूध कोलोस्ट्रम, बच्चे के लिए पहले टीके की तरह है, जो विटामिन ए और एंटीबाॅडी युक्त होता है। स्तनपान बच्चों में श्वसन पथ के संक्रमण, मधुमेह, दस्त, युरिनरी इन्फेक्शन एवं एलर्जी रोगों से भी बचाता है। स्तनपान से बच्चे का आईक्यु को भी बढ़ाता है। माताओं में स्तनपान कराने से बढ़ा हुआ वजन नियंत्रित होता है, इसके अलावा फिडिंग से महिला का मधुमेह, हाईपर टेंशन  और पोस्टपार्टम डिप्रेशन जैसी समस्याओं से बचाव होता है। स्तनपान को बढ़ावा दिये जाने हेतु IMS ACT (INFANT MILK SUBSTITUTE FEEDING BOTTLE AND INFANT FOOD) लागू किया गया है, जो दो साल तक के बच्चो के लिए प्रचार किये जाने वाले खाद्य पदार्थो के सभी रूपो पर व्यापक रूप से प्रतिबंध लगाता है।
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